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कई बीमारियों का रामबाण इलाज है यह फूल

आयुर्वेदिक औषधियों में पेड़, पौधों का बहुत महत्व होता है। एक ऐसे ही पौधे के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जो कि न सिर्फ आपके वातावरण के लिए खुशनुमा होता है बल्कि आपके सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होता है। हम बात कर रहे हैं गेंदे की फूल की। इस फूल का इस्तेमाल ज्यादातर पूजा पाठ में और घर की सजावट में किया जाता है। मगर क्या आपको पता है इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण औषधीय गुण मौजूद होते हैं जो व्यक्ति को कई बीमारियों में लाभ पहुंचाते हैं। यह जितना खूबसूरत होता है उतना ही यह आपके शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। यह व्यक्ति को फोड़े फुंसी, से लेकर माइग्रेन, कान का दर्द, लिवर, पाचन शक्ति और बवासीर जैसी गंभीर बीमारियों में काफी फायदेमंद है। तो चलिए जानते हैं इस खूबसूरत फूल के स्वास्त्य पर पड़ने वाले फर्कों के बारे में…

औषधीय गुणों से भरपूर

गेंदे के पौधे में कई महत्वपूर्ण औषधीय गुण मौजूद होते हैं। इसकी पत्तियों को पीस कर इसके रस का कान के दर्द में लाभ मिलता है। यह फोड़े फुंसी की समस्या को भी जड़ से मिटाने का काम करता है। इसकी पत्तियों का लेप लगाने से व्यक्ति को इस समस्या से निजात मिल सकता है। वहीं आंखों के चारों तरफ होने वाली सूजन और लिवर के सूजन में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इस फूल में हेपटोप्रोटेक्टीवे गुण होते हैं, जो की लिवर के सूजन को ठीक कर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करता है।

इन रोगों में भी होता है लाभदायक

इस फूल का उपयोग बवासीर के परेशानी से जूझ रहे लोग भी कर सकते हैं। जिस व्यक्ति को बवासीर की दिक्कत होती है या खून आता है, वो व्यक्ति इसके रस में काली मिर्च मिलाकर अगर इसका उपयोग करे तो उसे काफी लाभ मिल सकता है। इसके पत्ते और फूल में मौजूद एंटी फंगल गुण महिलाओं को पीरियड के समय होने वाले ज्यादा ब्लीडिंग पर भी विराम लगता है। उन्हें इसके फूलों के रस को पानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा

साथ ही जिन लोगों को बवासीर की दिक्कत होती है या खून आता है, ऐसे लोग इसके रस में काली मिर्च के साथ इस्तेमाल करेंगे तो काफी लाभ मिलता है. साथ ही इसके पत्ते और फूलों में एंटीफंगल गुण होते हैं. जिन महिलाओं को पीरियड के समय ज्यादा ब्लीडिंग होती है, उन्हें इसके फूलों के रस को पानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारियों में भी यह बहुत लाभदायक साबित होता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इसकी पत्तियों का रस निकाल के पानी के साथ पीने से लाभ मिलता है।

गेंदे के फूल से हाथ या पैर की त्वचा या एड़ी को फटने से भी बचाया जा सकता है। इसके पत्तों के रस को वैसलीन में मिलाकर हाथों-पैरों पर मलने से बिवाई और हाथों-पैरों की खुश्की की समस्या नहीं आती है।

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