गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (आईपी) में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए स्नातक, स्नातकोत्तर व पीचएडी के लिए एक फरवरी से ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं, नए पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन सात फरवरी से शुरू होंगे।
पंजीकरण के लिए छात्रों को 1500 रुपये फीस का भुगतान करना होगा। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक पाठ्यक्रम चार वर्षीय होंगे। हालांकि, इसमें वह पाठ्यक्रम शामिल नहीं किए गए हैं, जो वैधानिक बॉडी के हैं। इनमें एमबीबीएस, बीडीएस व एलएलबी समेत कई कोर्स हैं। इस बार 44 पीजी, 37 यूजी और 35 पीएचडी पाठ्यक्रम दो कैंपस के साथ 115 संबद्ध संस्थानों के लिए आवेदन होंगे। सभी प्रोग्राम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च है। आवेदकों के सुविधा के लिए यूनिवर्सिटी सुविधा केंद्र सुचारु रूप से चल रहा है।
एमबीए में दाखिले और लॉ की काउंसिलिंग अप्रैल में शुरू होगी
कैट और सीमैट के आधार पर एमबीए में दाखिले और क्लैट के आधार पर लॉ की काउंसिलिंग अप्रैल में शुरू होगी। यूनिवर्सिटी की ओर आयोजित समस्त प्रवेश परीक्षाएं 27 अप्रैल से 12 मई तक ओएमआर शीट पर ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएंगी। काउंसलिंग जून से शुरू होकर जुलाई तक पूरी की जाएगी।
18 पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया जून के पहले सप्ताह से शुरू होगी। एक अगस्त से नए सत्र की शुरुआत होगी। इसके लिए 40 हजार के करीब सीटों पर आवेदन लिए जाएंगे। इसमें यूनिवर्सिटी कैंपस स्कूल में लगभग 1100 सीटों की वृद्धि नए वर्ष से करने जा रही है। इस बार विदेशी छात्रों के लिए पीएचडी में प्रवेश प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
57 नए प्रोग्राम शुरू किए गए पिछले दो वर्षों में
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉक्टर महेश वर्मा ने यूजी, पीजी व पीएचडी पाठ्यक्रम के लिए अलग-अलग तीन दाखिला पुस्तिका जारी की। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में 57 नए प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। दूरस्थ एवं ऑनलाइन का एक सेंटर भी खोला गया है। गर्ल्स व स्पोर्ट्स के लिए भी दाखिले में अलग से कोटा निर्धारित करने पर यूनिवर्सिटी विचार कर रही है। नरेला में प्रस्तावित तीसरे कैंपस के बारे में कुलपति ने बताया कि तकरीबन 22 एकड़ जमीन और 160 फ्लैट्स के लिए अस्थाई आवंटन पत्र मिल गया है। वहां मेडिकल साइंस, आयुष, नवीनतम तकनीक , शोध एवं विकास, कृषिकी, फिल्म निर्माण, एचआरडी, अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं कूटनीति, सीएसआर, सतत विकास के सेंटर खोलने पर विचार कर रहे हैं।
नए पाठ्यक्रमों का विवरण
एनईपी के तहत गैर तकनीकी पाठ्यक्रम में बीए (अर्थशास्त्र), बीएसी (पर्यावरण विज्ञान), गणित, रसायन शास्त्र समेत कई पाठ्यक्रम शामिल हैं। इस सत्र से अर्बन ग्रीन स्पेस मनेजमेंट, इंडियन हेरिटेज एंड एन्वायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी बायोडायवर्सिटी, एप्लाइड इकोलॉजी एंड कंजर्वेशन में सर्टिफिकेट कोर्सेज भी शुरू करने जा रही है। यही नहीं, सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स भी शामिल किए हैं। इसमें फ्रैंच, जर्मन, उर्दू व जैपनिज भाषाएं हैं। नए सत्र से पीएचडी मेडिसिन, इंडस्ट्रियल आईओटी, ऑटोमेशन एंड रोबोटिक्स, एआई एंड डीएस, एआई एंड एमएल, डिजाइन एंड इनोवेशन में हो सकेगा। वहीं, यूनिवर्सिटी से संबद्ध संस्थानों में एमटेक (आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस), बीएड स्पेशल एजुकेशन (मल्टीपल डिसेबिलिटी) और बीएससी (पैकेजिंग टेक्नोलॉजी) पाठ्यक्रम भी है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी कुछ अन्य प्रोग्राम भी कैंपस स्कूल में शुरु कर रही है। इसमें डी फार्मा, बी फार्मा, एम फार्मा, बीए मास मीडिया, बीपीटी समेत कई पाठ्यक्रम शामिल है।
चार तरह से होंगे दाखिला आवेदन
इस नए सत्र के लिए चार तरह से आवेदन दिया जाएगा। जिसमें नेशनल लेवल टेस्ट जैसे की जेईई, एनईईटी-पीजी व यूजी, क्लैट, गेट समेत कई अन्य प्रवेश प्रक्रिया। वहीं, सीईटी, सीयूईटी व मेरिट पर आधारित होंगे। हालांकि, इसमें सीईटी के छात्रों पहले प्रवेश दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी प्रवेश प्रक्रिया में पंजीकरण के बाद कॉलेज की वेबसाइट पर भी उनको पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसके साथ ही कुछ पाठ्यक्रमों को इस सत्र से हटा दिया गया है। जिसमें एमटेक (इंजीनियरिंग फिजिक्स), पीजी डिप्लोमा इन डाटा साइंस एनालिटिक्स) व कई अन्य पाठ्यक्रम हैं।