पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत टिहरी बांध के विस्थापित परिवारों को भूमिधरी का अधिकार न मिलने के विरोध में एक फरवरी को गांधी पार्क में सांकेतिक उपवास पर बैठेंगे। रावत ने कहा कि टिहरी बांध निर्माण से लोगों ने खेती बाड़ी, घर बार की कुर्बानी दी। लेकिन 42 साल बाद भी विस्थापितों को दी गई जमीन पर भूमिधरी का अधिकार नहीं मिला है।
कांग्रेस सरकार के समय में हमने प्रयास किया था। पिछली बार विधानसभा में हरिद्वार ग्रामीण विधायक अनुपमा रावत ने इस मुद्दे को सदन में उठाया था। मुझे जानकारी मिली कि सरकार भूमिधरी अधिकार की प्रक्रिया को और जटिल बनाने के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। सरकार के इस षड़यंत्र के खिलाफ एक फरवरी को सांकेतिक उपवास पर बैठूंगा। जिससे सरकार को अपने कर्तव्यों का अहसास हो सके।
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