उन्नीसवें गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर नाइजीरिया में हैं। उन्होंने मंगलवार को कहा कि भारत अफ्रीका को उठाने की बाजी लगा रहा है और जब तक यह महाद्वीप अपना सही स्थान हासिल नहीं कर लेता, तब तक वैश्विक व्यवस्था संतुलित नहीं होगी। उन्होंने कहा, इस महाद्वीप के बिना बहुध्रुवीय दुनिया नहीं हो सकती है।
जयशंकर नाइजीरिया-भारत व्यापार परिषद (एनआईबीसी) में बोल रहे थे। विदेश मंत्री ने कहा, नई वैश्विक व्यवस्था का फिर से संतुलन तभी होगा, जब इसके मूल में आर्थिकी होगी। आर्थिक उत्थान से ही अफ्रीका का उदय होगा। उन्होंने कहा, दूसरों के लिए बाजार बनकर या सिर्फ संसाधन मुहैया कराकर वैश्विक व्यवस्था में ऊपर जाना बहुत मुश्किल है। इसलिए, अब मैं विकल्प पेश करता रहता हूं। उन्होंने कहा, अफ्रीका आगे बढ़ रहा है और भारत अफ्रीका को उठाने की बाजी लगा रहा है।
मंत्री ने कहा, ‘भारत अफ्रीका को उठाने की बाजी इसलिए लगा रहा है, क्योकि आज अफ्रीका में जनसांख्यिकी, संसाधनों और महत्वकांक्षाओं में बहुत अधिक वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा, अफ्रीका का साफ तौर अच्छा भविष्य है।’ उन्होंने कहा, ‘हम अफ्रीका को उठाने की बाजी लगा रहे हैं, क्योंकि हमारा एक साझा इतिहास है। यह एक ऐसा इतिहास है, जिसने लोगों में एकजुटता पैदा की है। यही एकजुटता मुझे कहने के लिए मजबूर करती है कि बदलती वैश्विक व्यवस्था में दुनिया में संतुलन तब तक नहीं होगा, जब तक अफ्रीका सही स्थान हासिल नहीं कर लेता।’
उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच डिजिटल बुनियादी ढांचा, हरित और स्वच्छ उर्जा, जल, कृषि, सुरक्षा और नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ सकती है। जयशंकर ने कहा, ‘भारत और नाइजीरिया के बीच सालाना करीब 13 से 15 अरब डॉलर का व्यापार है। भारत ने नाइजीरिया में करीब तीस अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।’ एनआईबीसी में संबोधन के साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर का नाइजीरिया दौरा समाप्त हुआ। वह नाइजीरिया की यात्रा करने वाले देश के पहले विदेश मंत्री हैं।