मध्य प्रदेश के चित्रकुट में श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की 16 जनवरी को बड़ी बैठक बुलाई गई है। अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है।। इससे पहले न्यास की बैठक को अहम माना जा रहा है। बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। इसमें न्यास से संबंधित कामों के साथ ही घाटों के विकास कार्यों की डीपीआर पर प्रजेंटेंशन, गुरुकुल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना के प्रस्ताव का भी प्रस्तुतिकरण होगा। बैठक में कामों को लेकर सुझाव और आगामी योजना पर मंथन और राम वन गमन पथ का रोडमैप तैयार होगा।
न्यास के यह है काम
श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास के अध्यक्ष मुख्यमंत्री है। न्यास में 33 सदस्य है, जिसमें 28 पदेन न्यासी सदस्य है। बैठक में पर्यटन राज्य मंत्री, मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के प्रमुख एसीएस और प्रमुख सचिव, पांच संभागों के संभागायुक्त और आठ जिलों के कलेक्टर भी रहेंगे। बता दें न्यास का काम केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में चिह्नित श्री रामवन गमन पथ के पांच संभागों के आठ जिलों के 23 स्थलों का विकास करना रहेगा। उनके जोड़ने वाले रास्ते को सुगम और सुविधाजनक बनाना। वहां पर पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यात्री सुविधाओं का विकास करना और उनका संचालन करना।
प्रदेश में यह स्थल चिह्नित
मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ चित्रकूट से अमरकंटक तक 370 किलोमीटर है। यहां भगवान राम वनवास के दौरान 11 साल 11 महीने और 11 दिन का समय गुजारा। वज जिस रास्ते से गुजरे उसे राम वन गमन पथ कहा जाता है। प्रदेश में सतना, पन्ना, कटनी, जबलपुर, नर्मदापुरम, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिले के स्थलों को चिह्नित किया गया है। इसमें स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, सीता रसोई, रामसेल, राम जानकी मंदिर, बृहस्पति कुंड, अग्निजिह्ना आश्रम, अगस्त्य आश्रम, शिव मंदिर, रामघाट, श्रीराम मंदिर, मार्कंडेय आश्रम, दशरथ घाट, सीता मढ़ी शामिल है।