सिंगापुर के बाद अब जापान जैसे विकसित देश में भी यूपीआई से भुगतान सेवा शुरू हो सकती है। केंद्रीय संचार व इलेक्ट्रॉनिक व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, जापान के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्री कोनो तारो ने भारत की यूपीआई भुगतान प्रणाली से जुड़ने में अपनी दिलचस्पी जाहिर की है। तारो ने हाल ही में कहा था कि जापान और भारत आपस में मिलकर डिजिटल क्षेत्र में सहभागिता को प्रोत्साहित करेंगे।

डिजिटल सेवा की हो चुकी हैं जमकर तारीफ
उन्होंने कहा कि जापान गंभीरता से भारत की यूपीआई सेवा से जुड़ने पर विचार कर रहा है। जापान इस पर भी विचार कर रहा है कि कैसे भारत के साथ ई-आईडी का चलन बढ़ाया जाए। भारत की डिजिटल सेवा की आईएमएफ से लेकर विश्व बैंक तक तारीफ कर चुका है और पूरी दुनिया भारत से डिजिटल सेवा में मदद लेने को उत्सुक है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लगभग हर वैश्विक मंच चाहे जी20, एससीओ या जी7 हो, हम प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को पेश कर रहे हैं। बहुत अच्छा रिस्पोंस है।
भूटान, नेपाल, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट सिस्टम को स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
कब लॉन्च हुआ था यूपीआई?
यूपीआई भारत में सबसे लोकप्रिय पेमेंट सस्टिम है। भारत में 60 प्रतिशत घरेलू पेमेंट यूपीआई के माध्यम से हो रही है और 40 प्रतिशत भुगतान विश्व स्तर पर संसाधित करती है। भारत में यूपीआई को साल 2016 में लॉन्च किया गया था।
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