Wednesday , January 15 2025

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल की परंपरा पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

तमिलनाडु में जल्लीकट्टू खेल की परंपरा पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत की संवैधानिक बेंच ने कहा कि यह तमिलनाडु की संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से इसे मंजूरी देने वाले कानून पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया। जल्लीकट्टू खेल के तहत बैलों की फाइट कराई जाती है और इसकी तमिलनाडु में बहुत लोकप्रियता रही है। यही नहीं कोर्ट ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी होने वाले इस तरह के परंपरागत खेलों पर रोक लगाने से अदालत ने इनकार किया है।

जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में बैल या फिर भैंसों की रेस कराने को भी अनुमति दी। इन दोनों पर सुप्रीम कोर्ट के ही 2014 के एक फैसले के चलते रोक लगी हुई थी। अदालत ने तब कहा था कि ये खेल पशुओं के खिलाफ क्रूरता वाले हैं। इस बेंच में जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, ऋषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार शामिल थे। अदालत ने कहा कि राज्य सरकारों ने संविधान की तीसरी सूची के तहत इन खेलों को अनुमति देने वाले जो कानून बनाए हैं, वे सही हैं। 

बेंच की तरफ से फैसला पढ़ते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को मान्यता देना सिर्फ विधानसभा से बनाए एक कानून की बात नहीं है। यह किसी भी तरह से संविधान का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने कहा कि यह तो संस्कृति का मसला है और यह खेल तमिलनाडु की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी सिद्धांत के आधार पर हम महाराष्ट्र और कर्नाटक की परंपराओं को भी मंजूरी देते हैं।  

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com