राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बढ़ते कोरोना मामलों के बीच निजी स्कूलों में इसी सप्ताह क्लासेस शुरू होने वाली हैं। इसे देखते हुए अभिभावकों को फिर से बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। उनका कहना है कि स्कूल प्रशासन स्वयं स्थिति का संज्ञान लें और कुछ दिन कक्षाएं ऑनलाइन कर दें। उधर, स्कूल प्रशासन ने अपने यहां सभी तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई स्कूलों में मास्क के बिना प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया गया है।

पटपड़गंज में रहने वाली अन्विति सिंह का कहना है कि पिछले दिनों मौसम में बदलाव के कारण बच्चों की तबीयत खराब थी। इस बार मेरे बेटे को खांसी और बुखार आया। अब स्कूल खुलने वाले हैं तो कोरोना के मरीजों की संख्या फिर बढ़ रही है। बच्चे स्कूल में एक-दूसरे बच्चे के संपर्क में आते हैं और बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्कूलों को कुछ दिन ऑनलाइन क्लास चलानी चाहिए।
बच्चों पर पड़ सकता है प्रभाव : दिलशाद गार्डन निवासी पंकज शर्मा का कहना है कि कोविड का प्रभाव बच्चों पर पड़ सकता है। उससे अभिभावक भी प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन बच्चों को स्कूल भेजने और ऑनलाइन पढ़ने का हमने अंतर देखा है। विद्या बाल भवन सीनियर सेकेंडरी स्कूल मयूर विहार फेस 3 के प्रिंसिपल डॉ. सतवीर शर्मा का कहना है कि कोरोना को देखते हुए सभी अभिभावकों को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों को मास्क पहनाकर भेजें। स्कूल में मेडिकल रूम में सभी तरह के जरूरी साधनों का इंतजाम करने के साथ क्लास रूम्स को भी सैनिटाइज कराया जा रहा है।
एहतियाती कदम उठा रहे : निजी स्कूलों के संगठन नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्ष डॉ. सुधा आचार्य का कहना है कि स्कूल नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हैं और बच्चे तीन अप्रैल से नए जोश और उत्साह के साथ जुड़ेंगे। हमने उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी कदम उठाए हैं। फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है।
नगर निगम भी तैयार
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को लेकर नगर निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के लिए बेड तैयार किए गए हैं। साथ ही ओपीडी में आने वाले मरीजों को सतर्क करने के लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से मास्क पहनने की बार-बार चेतावनी दी जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में तैयारी कर दी है।
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