डिजिटल विज्ञापनों से जनता को गुमराह होने से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर मशहूर हस्तियों, इन्फ्लुएंसर्स के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि लोगों को उत्पाद के विज्ञापन से भ्रमित न किया जा सके।

डिस्क्लेमर देना अनिवार्य
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, इंटरनेट मीडिया पर लाखों फालोअर्स रखने वाले इन्फ्लुएंसर्स को अब किसी भी प्रचार सामग्री में अस्वीकरण यानी डिस्क्लेमर देना अनिवार्य बनाया गया है। बता दें कि सरकार ने कुछ समय पहले भी गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें उल्लंघन करने वालों पर लाखों के जुर्माने का प्रविधान किया गया है। इसके अलावा, अगर इन्फ्लुएंसर्स गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हैं तो उत्पाद के उनके समर्थन पर प्रतिबंध लगाने का भी उल्लेख है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, अधिकारियों ने ये फैसला डिजिटल प्लेटफार्म और इंटरनेट मीडिया, जैसे फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इन्फ्लुएंसर्स की प्रगति पर विचार-विमर्श के बाद आया है। मंत्रालय का कहना है कि ये नियम उन सभी पर लागू होते हैं, जो किसी भी उत्पाद, सेवा या ब्रांड के बारे में खरीदारी के फैसले या खरीदारों की राय को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
आसान और स्पष्ट भाषा में होना चाहिए विज्ञापन
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इसमें न केवल लाभ और प्रोत्साहन शामिल हैं, बल्कि मौद्रिक या अन्य मुआवजा, यात्राएं या होटल में ठहरना, कवरेज और पुरस्कार, शर्तों के साथ या बिना शर्तों के फ्री प्रोडक्ट, डिस्काउंट, गिफ्ट्स और कोई भी पारिवारिक या व्यक्तिगत या रोजगार संबंध शामिल हैं। इसके अलावा विज्ञापन को आसान और स्पष्ट भाषा में बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा विज्ञापन, प्रायोजित या पेड प्रमोशन जैसे शब्दों के उपयोग में किए जाने चाहिए।उक्त नियमों के किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप अपराध की गंभीरता के आधार पर सख्त कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। उन्हें उल्लंघन के लिए विज्ञापन देने से भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal