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भाजपा ने तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हिंसा का मामला विधानसभा में उठाया

लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बिहार की राजनीति में उठापटक बढ़ती जा रही है। आरा से सांसद रहीं मीना सिंह जेडीयू छोड़ने जा रही हैं। वे पटना में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान करेंगी। उनके बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। बिहार की राजनीति में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या राजपूतों का महागठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मोहभंग हो रहा है?

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से वह अपनी पार्टी से नाराज चल रही थीं। उनका कहना है कि माफिया राज के चलते राज्य में अपराधियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जेडीयू का दामन छोड़कर बीजेपी में जा सकती हैं। बीजेपी के खिलाफ देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट में जुटे नीतीश कुमार के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा।

मीना सिंह अपने पति अजीत सिंह के निधन के बाद 2009 में आरा से सांसद चुनी गई थीं। इससे पहले उन्होंने बिक्रमगंज लोकसभा सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। अजीत सिंह बिक्रमगंज से सांसद थे और सहकारिता क्षेत्र में देश के बड़े नेता थे। उनका क्षेत्र के प्रभावशाली राजपूत नेताओं में नाम शुमार रहा। सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।

मीना सिंह 2014 तक आरा से सांसद रहीं। इसके बाद मोदी लहर में वह 2014 में लोकसभा का चुनाव हार गईं। 2019 में जेडीयू ने उनका टिकट काट दिया था। मीना सिंह का बेटे विशाल भी अपने पिता के नक्शेकदम पर सहकारिता क्षेत्र में उतर गए हैं। खास बात यह है कि वह बीजेपी के बाहुबली सांसद बृज भूषण शरण सिंह के दामाद हैं।

मीना सिंह के बीजेपी में जाने से नीतीश को क्या नुकसान?

मीना सिंह के जेडीयू छोड़कर बीजेपी में जाने की अटकलें हैं। इससे नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में नुकसान झेलना पड़ सकता है। दिवंगत अजीत सिंह की पत्नी को बीजेपी 2024 में काराकाट या आरा से टिकट दे सकती है। हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने भी जेडीयू को अलविदा कहकर नई पार्टी बनाई है। एक के बाद एक, नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से पार्टी के अंदर बिखराव की पैदा हो गई है।

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