सारण जिले के इसुआपुर, मशरख समेत आसपास के इलाकों में दिसंबर में हुई मौतें जहरीली शराब के कारण ही हुई थीं। विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की जांच में शराब में इथाइल अल्कोहल और मिथाइल अल्कोहल की पुष्टि हुई है।

बता दें कि शराब कांड के मृतकों के विसरा की जांच भी पटना एफएसएल में कराई गई और मेडिकल बोर्ड से मौत के कारण के संबंध में मंतव्य लिया गया। इसमें भी मौत का कारण अल्कोहल में मिथाइल पाया गया है। इस पूरे मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) का मद्य निषेध प्रभाग कर रहा है।
अब तक की जांच में अभियुक्त रामबाबू महतो, संजय महतो, शैलेंद्र राय, सोनू कुमार गिरि, राजेश कुमार उर्फ डाक्टर, संजीव कुमार, हरेराम महतो और सूरज महतो के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इन सभी गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इनके विरुद्ध मंगलवार को आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया गया है। शेष अभियुक्तों की भूमिका को लेकर अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
होमियोपैथ दवा से बनाई थी शराब
सारण और सिवान के विभिन्न क्षेत्रों में 13 से 16 दिसंबर के बीच जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी। इसको लेकर कुल छह कांड दर्ज किए गए थे, जिसकी जांच सीआइडी को दे दी गई थी। जांच में रामबाबू महतो के द्वारा राजेश उर्फ ड\क्टर से प्राप्त होमियोपैथी दवा व स्पिरिट में पानी और अन्य मिलावट कर शराब बनाने का मामला सामने आया था।
पुलिस ने इस मामले में हरेराम महतो के पास से 30 लीटर स्पिरिट, रामबाबू महतो के पास से होमियोपैथ दवा की 25 खाली शीशी, दिनेश राम के पास से 50 प्लास्टिक के बोतल में होमियोपैथ दवा आदि बरामद की थी।
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