गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। पाकिस्तान विदेशी मंचों पर भीख का कटोरा लिए घूम रहा है। मगर उसे कर्ज देने के लिए कोई राजी नहीं हो रहा। पाकिस्तान की सरकार पहले से अपने नागरिकों के ऊपर महंगाई और इनकम टैक्स का बोझ लाद दी है। अब पाकिस्तानी मंत्रियों की भी खैर नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने मंत्रियों और सलाहकारों से कहा है कि वे अपनी सैलरी लेना बंद कर दें और लग्जरी कारों के ऐशो आराम को छोड़, आम जिंदगियों की तरफ दिन बिताएं। पाकिस्तान का अनुमान है कि ऐसा करने से हर साल 200 बिलियन पाकिस्तानी रुपया बचाया जा सकता है।

पाकिस्तानी पीएम की तरफ से यह निर्देश खर्च में कटौती और देश में आर्थिक संकट को रोकने के प्रयास का हिस्सा बताया जा रहा है। स्टेट बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार तीन सप्ताह के आयात कवर से नीचे गिर गया है, और मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही हुई है।
बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “इन कठोर उपायों के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। हम इस तरह के उपायों के कारण करीब 200 अरब पाकिस्तानी रुपये की बचत करेंगे।”
शरीफ ने कहा कि हालांकि उपायों से महत्वपूर्ण, तत्काल राहत नहीं मिलेगी, लेकिन वे लोगों को यह एहसास दिलाएंगे कि सरकार को उनके दर्द और पीड़ा का एहसास है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को तुरंत लागू किया जाएगा, उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष के लिए बजट के समय अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।
संघीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए कुछ निर्णयों में कैबिनेट सदस्यों के वेतन, सुरक्षा वाहनों, मिलने वाले लाभ और विशेषाधिकारों को छोड़ने तक के प्रावधान हैं। एक वर्ष से अधिक के लिए विलासिता की वस्तुओं और आधिकारिक वाहनों के आयात पर प्रतिबंध; कम विदेशी दौरे; कैबिनेट सदस्यों के लिए फाइव स्टार होटलों में ठहरने पर रोक लगाई जाएगी।
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