Thursday , December 5 2024

सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 27 फरवरी को दिल्ली HC प्रवर्तन निदेशालय की अंतिम दलीलों पर करेगा सुनवाई

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अंतिम दलीलों पर 27 फरवरी को सुनवाई करेगा। ईडी की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने अगले हफ्ते एएसजी की अंतिम प्रस्तुतियां लाने के आदेश दिया है। ASG ने पहले तर्क दिया था कि मनी लॉन्ड्रिंग बिल्कुल स्पष्ट है।

पहले स्थगित हो चुकी है जमानत याचिका

उन्होंने कहा था कि उनका मामला यह है कि सत्येंद्र जैन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले 13 फरवरी को उच्च न्यायालय ने सत्येंद्र जैन और सह आरोपी अंकुश जैन और वैभव जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी।

वहीं, 8 फरवरी को मंत्री के दो सहयोगियों अंकुश जैन और वैभव जैन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सुशील कुमार गुप्ता ने न्यायमूर्ति शर्मा की पीठ के समक्ष अपनी दलीलें पूरी की थीं। उन्होंने कहा था कि यह अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं और यह कि ईडी ने कथित रूप से आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला स्थापित किया था, लेकिन यह उनका मामला नहीं हो सकता, क्योंकि एजेंसी को पहले एक अपराध के अस्तित्व को स्थापित करना होगा।

अदालत के विजय मदन लाल फैसले का हवाला देते हुए, गुप्ता ने तर्क दिया था कि ईडी ने मौजूदा मामले में उनके मुवक्किलों (अंकुश जैन और वैभव जैन) को जो भूमिका दी है, वह सीबीआई मामले से अलग होनी चाहिए, लेकिन ईडी ने उन पर आरोप लगाया है उसी नियम के आधार पर है।

उन्होंने आगे तर्क दिया था कि अपराध की आय मुख्य है, जिसे ईडी द्वारा अपने मुवक्किलों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए वर्तमान मामले में स्थापित करने की आवश्यकता है। इससे पहले अधिवक्ता ने अपने मुवक्किलों की ओर से कहा था कि हमें इसमें शामिल किया गया है, क्योंकि कंपनी प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार,सत्येंद्र जैन की थी।

सत्येंद्र जैन की नहीं है कंपनी: अधिवक्ता

वहीं, अधिवक्ता ने आगे कहा, “हम कह रहे हैं कि यह हमारी कंपनी है, सत्येंद्र जैन की नहीं।” जैन के वकील ने कहा था कि सत्येंद्र जैन का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com