भारत के मुस्लिम वोटर्स तक पहुंच बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी नई योजना के तैयार है। खबर है कि पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सूफी संतों के जरिए मुस्लिम समुदाय को पार्टी के करीब लाने की तैयारी कर रही है। हाल ही में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने इससे जुड़े कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूफी संतों की मुलाकात भी हो सकती है।
अल्पसंख्यक मोर्चा के जरिए तैयार किए गए इस कार्यक्रम के जरिए प्रभावशाली सूफी संतों को पार्टी की नीतियों के बारे में बताया जाएगा। इसके तहत पार्टी कैडर उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों के सूफी संतों को शामिल करेगा। इस आउटरीच प्रोग्राम का नाम ‘सूफी संत संवाद सम्मेलन’ कहलाएगा। यहां धर्म गुरु सभी संप्रदायों के बीच प्यार और भाईचारे का संदेश देंगे। मार्च से ये सम्मेलन शुरू हो जाएंगे।
एक अखबार से बातचीत में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि मोदी सरकार ने साबित किया है कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ केवल भाजपा का नारा नहीं है, बल्कि हमेशा चलने वाली परियोजना है। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम समुदाय समेत अल्पसंख्यक समुदायों को इसका एहसास करना चाहिए। उनकी प्रगति को लेकर किए जा रहे पार्टी कार्यक्रमों के बारे में उन्हें बताने की जरूरत है।’
उन्होंने बताया कि अजमेर शरीफ और हजरत निजामुद्दीन जैसे दरगाहों के अलावा दिल्ली से ईसाई संत को भी कार्यक्रम में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि भाजपा का अल्पसंख्यक मोर्चा भविष्य में सूफी संतों और पीएम मोदी की मुलाकात की भी व्यवस्था करेगा।
खास बात है कि भाजपा की लगातार हो रही बड़ी बैठकों में समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का संदेश दिया जा रहा है। खबर है कि पार्टी पसमांदा मुसलमानों तक पहुंच बढ़ाने की भी तैयारियां कर रही है। 2023 में 9 राज्यों में चुनाव होने हैं। वहीं, इसके बाद 2024 के मध्य में लोकसभा चुनाव होंगे। अगर भाजपा चुनावों में सफल होती है, तो जीत की हैट्रिक लगा देगी।