तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के राज्यपाल आरएन रवि पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा अपने हालिया संसद भाषण में उठाए गए कई सवालों के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से किसी के सवालों का जवाब दिए बिना घंटों बोलने की कला सीखी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार के खिलाफ कई आरोप हैं, लेकिन उन्होंने किसी भी बात का जवाब नहीं दिया। वह कहते हैं कि लोगों का विश्वास उनकी सुरक्षा कवच है। जबकि लोग ऐसा नहीं सोचते हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “पहली बार, किसी प्रधानमंत्री ने संसद में स्वीकार किया है कि वह विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति करते हैं।”
तमिलाडु सीएम एमके स्टालिन ने आगे कहा कि पीएम का भाषण “बयानबाजी से भरा” था, लेकिन बीबीसी डॉक्युमेंट्री (2002 के गुजरात दंगों पर) या अडानी मुद्दे (अडानी समूह की कंपनियों द्वारा स्टॉक हेरफेर के आरोप) पर कोई स्पष्टीकरण नहीं था। एमके स्टालिन ने कहा, “अडानी समूह के खिलाफ आरोप केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ सीधे आरोप हैं। यहां तक कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच भी मामले की गंभीरता से सुनवाई कर रही है। इसलिए, संसद में एक चर्चा होनी चाहिए और एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच के आदेश देने की जरूरत है।”
स्टालिन ने कहा कि संसद में राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में उनके भाषण के कुछ हिस्सों को अध्यक्ष द्वारा हटा दिया गया। जो “वास्तविक और वैध” थे। उन्होंने कहा कि यह “चौंकाने वाला” था कि पीएम ने आरोपों पर एक शब्द तक नहीं कहा। राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी को संसद के रिकॉर्ड से निकाले जाने पर उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें लोगों के दिमाग से निकाला जा सकता है।
पहली बार किसी पीएम ने स्वीकारा प्रतिशोध की राजनीति
उन्होंने आगे पीएम की टिप्पणी ‘प्रवर्तन निदेशालय विपक्ष को एकजुट कर रहा है’ को उनका इकबालिया बयान बताया। मुख्यमंत्री ने कहा, “पहली बार, किसी प्रधानमंत्री ने संसद में स्वीकार किया है कि वह विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति करते हैं। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। यह निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।”
एमके स्टालिन ने कहा कि पीएम ने डीएमके के सवालों का भी जवाब नहीं दिया, सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना 2007 से रुकी हुई है। डीएमके ने केंद्र से इसे तुरंत पुनर्जीवित करने और लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “पीएम के पास तमिलनाडु पर कुछ भी कहने के लिए कुछ नहीं था जो डीएमके सदस्यों ने सवाल उठाए थे।
राज्यपाल पर निशाना
राज्यपाल आरएन रवि पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित विधेयक का अनादर कर रहे हैं। उन्होंने लोगों के ऑनलाइन गेमिंग में फंसने के कारण पिछले सप्ताह आत्महत्या के चार मामलों का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या राज्यपाल को इसकी जानकारी नहीं है? उन्होंने कहा कि मद्रास उच्च न्यायालय ने इस तरह का कानून लाने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि यह एक रहस्य है कि अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने वाले राज्यपाल तीन महीने तक विधेयक को मंजूरी नहीं देते हैं।