रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध जारी है और इसे एक साल पूरा होने में कुछ ही दिन बचे हैं। लाखों में रूसी और यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो चुकी है, इसमें आम लोग भी शामिल हैं। अरबों-खरबों का नुकसान हो चुका है। रूसी सेना यूक्रेनी शहरों को श्मशान घाट बनाने पर उतारू है तो यूक्रेनी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस बीच यूक्रेन ने नाटो को ही टेंशन देना शुरू कर दिया है। नाटो चीफ ने कहा है कि यूक्रेन रोजाना इतने गोले दाग रहा है, जितना रूस भी एक साल में प्रयोग में लाता है। यूक्रेन के इस कदम से रूस भड़क सकता है जो पश्चिम देशों के लिए चिंता का कारण है।

नाटो, अमेरिका और तमाम पश्चिमी देशो की मदद से नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि यूक्रेन अपने साथियों के मुकाबले काफी तेजी से गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहा है और इससे पश्चिमी रक्षा उद्योगों पर दबाव बन सकता है, ठीक उसी तरह जैसे रूस ने अपने सैन्य आक्रमण को तेज किया है।
नाटो के रक्षा मंत्रियों के दो दिवसीय बैठक में स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि वर्तमान में यूक्रेन हमारी उत्पादन क्षमता से कही अधिक तेजी से गोला-बारूद का इस्तेमाल कर रहा है। इससे हमारे रक्षा उद्योग पर दबाव पड़ेगा।
एक अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन प्रतिदन 6000 से 7000 तोप के गोले बरसा रहा है और यह उतनी संख्या है, जितनी रूस एक साल में किसी युद्ध में इस्तेमाल में लाता है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal