राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का आज इस्तीफा मंजूर कर लिया है। कोश्यारी कई बार अपने बयानों की वजह से विवादों में भी घिर चुके थे, जिसके बाद बीजेपी को सफाई देनी पड़ती थी। भाजपा ना तो खुलकर उनका समर्थन कर पा रही थी और ना ही विरोध। राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो कोश्यारी के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
माना जा रहा है कि कोश्यारी के इस्तीफे के बाद जहां भाजपा के कुछ गुट सक्रिय हो गए हैं तो दूसरी ओर, कांग्रेस भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है। राजनीतिक सूत्रों की बात मानें तो मुख्यमंत्री रह चुके कोश्यारी एक बार फिर उत्तराखंड का रुख कर सकते हैं।ऐसे में सियासी गलियारों में कई तरह के अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मनवीर चौहान ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। सभी वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन को साथ लेते हुए भाजपा उत्तराखंड के विकास के लिए काम करती है। कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ भ्रामक प्रचार के अलावा कुछ भी नहीं करती। कांग्रेस शासनकाल में उत्तराखंड में विकास थम गया था।
कोश्यारी के इस्तीफ से भाजपा को होगी टेंशन?
भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद भाजपा में टेंशन बढ़ेगी या नहीं? यह बात तो आने वाले समय पर ही पता चलेगी। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा को मुख्यमंत्री चेहरे का चुनाव करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में खटीमा से कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को हराया था।
धामी के विधानसभा चुनाव में हार के बाद कई दावेदार विधायकों के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए रेस हुई थी। लेकिन, हाईकमान ने धामी पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा चुनाव लड़ाया था और चंपावत उपचुनाव में धामी ने शानदार वापसी की थी।
पैतृक गांव लौट सकते हैं कोश्यारी
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने पैतृक गांव लौट सकते हैं। बागेश्वर जिले में उनके पैतृक गांव नामती चेटाबगड़ की गुंठी तोक में दो कमरों का मकान भी तैयार कराया गया था। सरकारी अमला भी उनके गांव तक सड़क पहुंचाने के कार्य में जुटी हुई थी। सूत्रों की बात मानें तो कोश्यारी अपने गांव में अपने लोगों के बीच रहकर समय व्यतीत करना चाहते हैं।
कोश्यारी की टिप्पणियां चर्चा में रहीं
राज्यपाल कोश्यारी महाराष्ट्र में अपनी टिप्पणियों को लेकर खासी चर्चा में रहे हैं। शिवाजी महाराज से ज्योतिबा फुले व शांतिबाई फुले पर भी टिप्पणी की। शिवाजी महाराज को उन्होंने पुराने युग की बात कह दिया था। महाराष्ट्र से गुजराती, राजस्थानी हट जाएंगे तो मुंबई आर्थिक राजधानी का अपना रुतबा खो देगा भी कहा था।