नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में फोन टैपिंग से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित एनएसई की पूर्व चेयरमैन चित्रा रामाकृष्ण को दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने यह निर्णय सुनाया है।
बता दें कि निचली अदालत द्वारा जमानत देने से इन्कार करने के निर्णय को चित्रा ने चुनौती दी थी। इससे जुड़े सीबीआइ मामले में रामकृष्ण को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
क्या है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक, फोन टैपिंग का मामला 2009 से 2017 की अवधि का है जब एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी, और प्रमुख (परिसर) महेश हल्दीपुर और अन्य ने एनएसई को धोखा देने की साजिश रची थी।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने एनएसई की साइबर कमजोरियों का अध्ययन करने की आड़ में एनएसई के कर्मचारियों के फोन काल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए आइएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया। चित्रा रामकृष्ण को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद ईडी ने 14 जुलाई को उन्हें हिरासत में लिया था।