तुर्की में सोमवार तड़के भूकंप से भारी तबाही मची। 24 घंटे में तीन बार महसूस हुए भूकंप (Turkey Earthquake) के जख्म अभी भी हरे हैं। राहत बचाव दल लगातार लोगों को रेस्क्यू कर रहा है। हजारों की संख्या में ढही इमारतों में जिंदगी की तलाश की जा रही है। तुर्की में भूकंप की त्रासदी कोई नई बात नहीं है। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण ने खुलासा किया है कि पिछले तीन साल में तुर्की की धरती 33000 बार हिल चुकी है। 332 बार तो भूकंप की तीव्रता 4.0 रिएक्टर स्केल से ज्यादा रही।
भूकंप तुर्की, सीरिया, लेबनान और इजरायल देशों में महसूस हुआ। हालांकि मौत तुर्की और सीरिया में हुई है। जहां मरने वालों की संख्या 4000 पार कर गई है। इतना ही नहीं 16 हजार से ज्यादा घायल है। इस विनाशकारी भूकंप पर एक बात और सामने आई है। तीन दिन पहले नीदरलैंड्स के शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स नेभविष्यवाणी की थी तुर्की-सीरिया के इलाके में भूकंप आने वाला है।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक, तुर्की में सोमवार तड़के 4 बजकर 17 मिनट पर तीन बार भूकंप के झटके महसूस हुए। रिक्टर पैमाने पर तीनों भूकंपों की तीव्रता 7.8, 7.6, और 6.0 रही। 24 घंटे से भी कम वक्त में तीन बार धरती हिलने से तुर्की में जलजला आ गया और इस प्राकृतिक आपदा ने हजारों जिंदगियां लील ली। लंदन के पीरियल कॉलेज के शोध से पता चलता है कि तुर्की में आए ऐसा ही विनाशकारी भूकंप 84 साल पहले 1939 में आया था। उस वक्त भी 7.8 रिएक्टर स्केल पर भूकंप महसूस हुआ था। उस वक्त 30 हजार जानें गई थी। इस बार भी भूकंप पर मौत की संख्या इतनी ही या इससे ज्यादा होने की संभावना है।
WHO ने चेताया- 20 हजार से ज्यादा मौत की आशंका
इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने चेताया है कि तुर्की और सीरिया में इस विनाशकारी भूकंप के कारण मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा हो सकता है। who ने तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 20 हजार तक पहुंचने की आशंका जताई है।
तीन साल में 33000 बार हिली तुर्की की धरती
भूकंप के झटकों से तुर्की बार-बार हिलती रही है। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) के अनुसार, 2020 में ही तुर्की में लगभग 33,000 भूकंप महसूस हुआ और दर्ज किया गया। इनमें से 332 बार भूकंप 4.0 और इससे अधिक तीव्रता के थे।
भारत समेत दुनिया के कई देश मदद को आगे आए
तुर्की में भूकंप से भीषण तबाही के बाद दुनियाभर से देश को मदद दी जा रही है। अमेरिका, रूस और भारत ने भी तुर्की को मदद भेजी है। भारत ने एनडीआरएफ खोज और बचाव दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा आपूर्ति, ड्रिलिंग मशीन और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप राहत सामग्री का पहला बैच भारत से तुर्की भेजा गया है।