भारत और मिस्र के बीच के संबंध नए नहीं हैं। इस बार गणतंत्र दिवस पर इन रिश्तों को और ऊंचाई मिलने वाली है। भारत और मिस्र का व्यापारिक सहयोग काफी बढ़ा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे मिस्र का हाथ भारत ने तब थामा जब उसे अच्छे दोस्त की जरूरत थी। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि हैं। उनके इस दौरे के दौरान दोनो ही देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके इसकी जानकारी दी। वहीं राष्ट्रपति सीसी ने पीएम मोदी को मिस्र आने का न्योता भी दिया है।

भारत और मिस्र के बीच साइबर सिक्योरिटी, संस्कृति, सूचना और तकनीक, युवा मामलों और प्रसारण के क्षेत्र में समझौते किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा, मैं मिस्र के राष्ट्रपति महोदय का और उनके प्रतिनिधमंड्ल का स्वागत करता हूं। कल वह गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथ होंगे। मुझे खुशी है कि उनकी सेना का टुकड़ी भी इस बार परेड में हिस्सा ले रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत और मिस्र दोनों ही बहुत पुरानी सभ्यताएं हैं। दोनों का ही बड़ा व्यापारिक इतिहास रहा है। कुछ वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं। इस साल हमने जी20 मीटिंग में भी मिस्र को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। हमारे बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास और क्षमता वृद्धि को लेकर समझौते हुए हैं। इसके अलावा हम कट्टरवाद, और अन्य मामलों को लेकर साइबर स्पेस की सुरक्षा में भी सहयोग करेंगे। हमने कोविड और यूक्रेन संकट के दौरान बाधित हुई सप्लाई चेन को सुधारने का भी निर्णय लिया है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत और मिस्र दोनों का ही ध्यान पर्यटन पर है। इसके अलावा दोनों ही देशों ने सीमा पार से आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। हम एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करेंगे। इसके अलावा हने दोनों देशों के बीच 12 अरब द्विपक्षीय व्यापार को लेकर भी समझौता किया है जो कि अगले 5 साल में किया जाएगा।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने कहा, हमने ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने के लिए चर्चा की। इसके अलावा दोनों देशों के बीच में आवागमन और पर्यटन को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।
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