उत्तर प्रदेश के 59 शहरों के बन रहे मास्टर प्लान का नए सिरे से परीक्षण होगा। यह देखा जाएगा कि तालाब, जलाश्य और हरित क्षेत्र कितने प्रतिशत छोड़ा गया है। इसके पहले के मास्टर प्लान में इनकी कितनी संख्या थी और कितनी रखी गई है। इसके साथ ही निर्धारित प्रारूप पर विकास प्राधिकरणों से सूचना मांगी गई है।
अमृत योजना में शहरों का सुनियोजित विकास कराने के लिए आगामी 20 सालों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है। अयोध्या का मास्टर प्लान मंजूर हो चुका है। कुछ विकास प्राधिकरणों ने कंसलटेंट द्वारा सहयोग न किए जाने की शिकायत पिछले दिनों शासन से की थी। इसके बाद यह तय किया गया है कि विकास प्राधिकरणों से इसके लिए जरूरी सूचना मांग ली जाए।
शासन स्तर पर इसके परीक्षण के लिए सचिव आवास की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। विकास प्राधिकरणों से कहा गया है कि अमृत योजना के तहत तैयार हो रहे मास्टर प्लान के लिए नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद द्वारा उपलब्ध कराए गए मानचित्र के आधार पर कंसलटेंट ग्राउंट रिपोर्ट और इसका सत्यापन की विकास प्राधिकरण द्वारा पुष्टि संबंधी सूचना मांगी गई है।
इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा शहर में चिह्नित तालाबों व जलाश्य संबंधी आंकड़ों की जानकारी मांगी गई है। विकास प्राधिकरण बोर्ड द्वारा प्रदर्शनी से पूर्व अनुमोदित मास्टर प्लान के प्रारूप और इसके बाद आपत्ति व सुझाव समिति की संस्तुति के अनुसार बोर्ड द्वारा अनुमोदन का ब्यौरा मांगा गया है। इसके बाद मास्टर प्लान को मंजूरी दी जाएगी।