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सीएम योगी ने कई बार इसका ज‍िक्र किया क‍ि यूपी से गुंडों और माफ‍िया का राम नाम सत्‍य हो गया..

यूपी की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार ने प्रदेश से गुंडा और माफ‍िया राज खत्‍म कर द‍िया है। सीएम योगी भी कई बार इसका ज‍िक्र करते हुए कह चुके हैं क‍ि यूपी से या तो गुंडों और माफ‍िया का राम नाम सत्‍य हो गया है।

कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर डटी रहने वाली यूपी पुलिस का बदमाशों से आमना-सामना भी जारी है। यूपी पुलिस ने इस वर्ष कुख्यातों से हुई मुठभेड़ में दस दिनों में चार बदमाशों को मार गिराया है। अपराधियों से मुठभेड़ के कई मौकों पर पुलिस की कार्यशैली को लेकर कुछ सवाल भी उठे और उसे जांच का भी सामना करना पड़ा लेकिन, पुलिस ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे।

दस दिन में पुलिस मुठभेड़ में चार बदमाश ढेर

आगरा में मंगलवार देर रात पुलिस ने पचास हजार के इनामी बदमाश विनय को मार गिराया। वर्ष के पहले दिन गौतमबुद्धनगर में एक लाख का इनामी बदमाश कपिल मारा गया था। इसके बाद बुलंदशहर में दो व तीन जनवरी को हुईं पुलिस मुठभेड़ में एक लाख का इनामी आशीष व पचास हजार का इनामी बदमाश अब्दुल मारा गया।

योगी सरकार 2.0 में अब तक पंद्रह – कुख्यातों से मुकाबले में 13 पुलिसकर्मी बलिदान

योगी सरकार 2.0 में 25 मार्च, 2022 से अब तक 15 अपराधी मारे जा चुके हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि यूपी पुलिस अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्रवाई कर रही है। पुलिस बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान डटकर उनका मुकाबला करती है। मार्च, 2017 से अब तक पुलिस व बदमाशों के बीच 10531 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं। इनमें बदमाशों का मुकाबला करते हुए 13 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहूति दी है। बदमाशों की गोली लगने से लगभग 1400 पुलिसकर्मी घायल भी हुए।

सीएम योगी का यूपी से गुंडा और माफ‍िया राज खत्‍म करने पर फोकस

प्रदेश में बदली कानून-व्यवस्था के पीछे पुलिस की इस कार्रवाई को महत्वपूर्ण माना जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कानून-व्यवस्था की बैठकों में माफिया व अपराधियों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई की समीक्षा करते हैं। जीरो टालरेंस की नीति के तहत उनके कड़े निर्देश हैं। मुख्यमंत्री कई मौकों पर दूसरे राज्यों में भी प्रदेश में अपराधियों पर कठोर कार्रवाई को लेकर बयान देते रहे हैं। हालांकि बीते छह वर्षों में बीते वर्ष पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ का आंकड़ा सबसे कम रहा है। वर्ष 2018 में सर्वाधिक 41 अपराधी मारे गए थे।

कहां कितनी मुठभेड़ और ढेर

आगरा जोन – 1804 – 14 मारे गए

प्रयागराज जोन – 332 – सात मारे गए

बरेली जोन – 1468 – सात मारे गए

गोरखपुर जोन – 384 – सात मारे गए

कानपुर जोन – 414 – पांच मारे गए

लखनऊ जोन – 491 – 11 मारे गए

मेरठ जोन – 3110 – 60 मारे गए

वाराणसी जोन – 676 – 19 मारे गए

लखनऊ कमिश्नरेट – 81 – आठ मारे गए

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट – 658 – दस मारे गए

वाराणसी कमिश्नरेट – 105 – सात मारे गए

कानपुर कमिश्नरेट – 179 – चार मारे गए

आगरा कमिश्नरेट – 308- छह मारे गए

गाजियाबाद कमिश्नरेट – 410 – छह मारे गए

प्रयागराज कमिश्नरेट – 112 – तीन मारे गए

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