अगर आप जॉब करते हैं तो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत हर महीने आपकी सैलरी से भी कुछ पैसे पेंशन के नाम पर काटे जाते होंगे। यह सिस्टम बाजार आधारित रिटर्न द्वारा सर्विस पूरी होने के बाद वृद्धावस्था के लिए आय प्रदान करता है। हालांकि, यह सिर्फ जॉब के बाद मिलने वाले आय के लिए ही नहीं है, बल्कि अगर किसी कारण से एनपीएस अभिदाता की अचानक मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी में शामिल व्यक्तियों को मृत्यु लाभ मिलता है।
इसलिए, आज हम आपको बता जा रहे हैं कि अगर सर्विस पूरी होने से पहले ही अभिदाता की मृत्यु हो जाती है तो नेशनल पेंशन सिस्टम के लाभ को कैसे लिया जा सकता है और इसके लिए क्लेम की प्रक्रिया क्या होगी।
इनको मिलता है मृत्यु के बाद पेंशन का पैसा?
अगर अभिदाता ने अपने पेंशन फॉर्म में नॉमिनी का नाम डाला है तो पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के मुताबिक, गैर-सरकारी क्षेत्र के तहत एनपीएस सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद पेंशन का पूरा पैसा नॉमिनी में शामिल व्यक्ति को या कानूनी उत्तराधिकारियों को दिया जाएगा। यहां पर नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी के पास पेंशन प्राप्त करने के लिए एनयूटी (annuity) खरीदने का विकल्प होता है।
कैसे करें क्लेम?
पेंशन क्लेम करने के लिए नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को ईएनपीएस पोर्टल में जाना होगा, जहां निकासी फॉर्म (डेथ विड्रॉल फॉर्म) को भरना होगा, जो प्रोटियन सीआरए की वेबसाइट www.npscra.nsdl.co.in से डाउनलोड किया जा सकता है।
मृत्यु निकासी फॉर्म में सभी जरूरी कागजी कार्रवाई की एक सूची दी गई होती है। इन डॉक्युमेंट्स के साथ निकासी फॉर्म को एनपीएस ट्रस्ट को जमा करना होगा। एक बार जब एनपीएस ट्रस्ट दस्तावेजों को सत्यापित कर लेता है तो अनुरोध को मंजूरी दे देता है और सीआरए द्वारा आगे की प्रक्रिया के लिए मंजूरी मिल जाती है।
इन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
मृत्यु के बाद पेंशन क्लेम करने के लिए डेथ विड्रॉल फॉर्म में दिए गए कुछ जरूरी दस्तावेजों को जमा करना पड़ता है। इसमें अभिदाता का मृत्यु प्रमाण पत्र, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र या उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, नॉमिनी का बैंक खाता प्रमाण और एनपीएस कोष का दावा करने पर केवाईसी दस्तावेज को जमा करना पड़ता है। ये सभी दस्तावेज नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा संबंधित पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) में दस्तावेज जमा करने होंगे।