घर में सुख-शांति के लिए खुशहाली बनाए रखने के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। माना जाता है कि घर में मौजूद हर एक चीज से सकारात्मक या फिर नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। ऐसे ही विंड चाइम है। वास्तु के साथ फेंगशुई में इसका काफी अधिक महत्व बताया गया है। विंड चाइम की मधुर आवाज घर के पूरे माहौल को अच्छा करने के साथ सकारात्मक ऊर्जा अधिक उत्पन्न होती है। लेकिन विंड चाइम लगाते समय कुछ गलतियां कर दी, तो कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में विंड चाइम लगाते समय किन बातों का रखें ख्याल।

विंड चाइम की दिशा
घर में विंड चाइम लगाते समय इसकी दिशा का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आप लोहे या फिर किसी अन्य धातु की विंड चाइम लगा रहे है, तो वायव्य कोण( उत्तर-पश्चिम) या फिर पश्चिम दिशा का चुनाव करें। वहीं अगर मिट्टी की है तो दक्षिण-पश्चिम या फिर ईशान कोण में लगाएं। इससे जीवन में आने वाली हर परेशानी से निजात मिल जाएगी।
बेडरूम में ऐसे लगाएं विंड चाइम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में विंड चाइम लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि रॉड पूरे नौ हो। इससे कम वाले कभी भी विंड चाइम न लगाएं, वरना वैवाहिक जीवन में कई परेशानियां आएगी।
इन जगहों पर न लगाएं विंड चाइम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विंड चाइम लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पूजा घर या फिर किचन में न हो। इस जगहों पर इसे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा अधिक निकलती है। किचन में विंड चाइम लगाने से घर की महिलाओं को शारीरिक कष्ट झेलना पड़ सकता है।
विंड चाइम के नीचे बैठना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विंड चाइम के नीचे बिल्कुल भी नहीं बैठना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। इसके साथ ही कड़ी मेहनत करने के बावजूद सफलता हासिल नहीं होती है।
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