लखनऊ में इंदिरा नगर के शक्तिनगर में एक महिला अपने बच्चों के साथ तीन महीने बाद मुम्बई से घर लौटी तो नौकर ने घुसने नहीं दिया। नौकर ने उन्हें पहचानने से भी इनकार कर दिया। यही नहीं उनके विरोध करने पर अंदर से एक और व्यक्ति निकला। उसने खुद को मकान का मालिक बताया। यह देख महिला के होश उड़ गये। उसे नौकर की करतूत पर विश्वास ही नहीं हुआ उसे लगा कि वह मजाक कर रहा है। वह कुछ सोच पाती, तभी नौकर ने उन्हें तुरन्त वहां से जाने को कहा। इस पर पीड़िता ने गाजीपुर थाने में शिकायत की।

वह कई दिन होटल में रही। कुछ मदद न मिलने पर महिला ने जेसीपी कानून व्यवस्था पीयूष मोर्डिया से न्याय की गुहार की। जेसीपी ने जांच कराकर पहले नौकर व कब्जा करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर करायी। इसके बाद ही रविवार को नौकर गिरफ्तार कर लिया गया और मकान में पीड़ता का कब्जा दिला दिया गया। पीड़ित महिला और उसके परिवार ने घर वापस मिलने पर लखनऊ पुलिस का शुक्रिया बोला।
पीड़िता भारती धंजल ने बताया कि वह मुंबई में पति निर्मल, बेटी, बेटे के साथ रह रही थी। उनके मकान में बहन राधा रहती थी। बीमारी की वजह से अगस्त में बहन की मौत के बाद नौकर अमित अपने परिवार के साथ रह रहा था। अमित के पापा व बाबा भी उसके बाबा के समय से उनके परिवार के साथ रह रहे थे। इसलिये उस पर बहुत विश्वास था। तीन माह बाद जब वह कुछ दिन पहले आयी तो नौकर अमित का यह तेवर दिखा।
एसीपी ने की थी जांच
जेसीपी ने भारती की शिकायत पर जांच एसीपी गाजीपुर विजयराज सिंह को दी थी। पड़ताल में पता चला कि मकान में अमित के अलावा बाराबंकी का महेंद्र सिंह भी नौकर के साथ रहता है। उसने की कब्जे की साजिश रची थी। जांच में महिला के आरोप सही पाये जाने पर रविवार को पुलिस ने मकान खाली करा दिया। अमित को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अमित के अलावा महेंद्र को भी नामजद किया गया है।
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal