उत्तराखंड में इस बार भले ही स्वदेशी पर्यटकों की संख्या ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हों, लेकिन विदेशी पर्यटकों की संख्या बेहद कम रही। पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के मुकाबले करीब 80 फीसदी कम विदेशी पर्यटक टूरिस्ट वीजा पर उत्तराखंड घूमने आए।उत्तराखंड में जो भी विदेशी आता है उसे यहां आने के बाद हर जिले में स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) को सूचना देनी होती है।

साथ ही अपने वीजा का प्रकार और आने का मकसद बताना होता है। इसी के आधार पर विदेशियों की संख्या का आंकड़ा निकाला जाता है। पुलिस के अनुसार, इस साल 31 अक्तूबर तक करीब 34 हजार विदेशी पर्यटक टूरिस्ट वीजा पर उत्तराखंड पहुंचे हैं। जबकि 2019 में ये संख्या एक लाख 56 हजार थी।
वहीं 2019 में केवल चारधाम और हेमकुंड साहिब में ही करीब 34 लाख पर्यटक आए थे। इसके बाद कोरोना के चलते देशी और विदेशी पर्यटकों का आना बंद हो गया था। 2021 में कुछ पर्यटक आए, लेकिन 2022 में सब कुछ पूरी तरह सामान्य होने के बाद स्वदेशी पर्यटकों के आने का राज्य में सबसे बड़ा रिकार्ड बना।
केवल चारधाम और हेमकुंड साहिब में ही 45 लाख 60 हजार से ज्यादा पर्यटक 31 अक्तूबर तक आए। 2019 के मुकाबले स्वदेशी पर्यटकों की संख्या जहां इस साल करीब 25 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या में 80 फीसदी की गिरावट आई है। इसके पीछे कई देशों में पिछले दिनों तक कोरोना का असर और राज्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं का डर माना जा रहा है।
इस बार चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जो राज्य के पर्यटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। विदेशी पर्यटकों की संख्या कम रही। इसके पीछे कहीं ना कहीं कोरोना एक बड़ा कारण हो सकता है।अशोक कुमार, डीजीपी
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