स्मॉग टावर का प्रभाव सिर्फ 50 मीटर के दायरे में ही दिख रहा है। इस दायरे में स्मॉग टावर 70 से 80 फीसदी तक प्रदूषण कम कर रहा है। जबकि, 300 मीटर के दायरे में इसका प्रभाव सिर्फ 15 से 20 फीसदी ही दिख रहा है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कनॉट प्लेस के बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर लगाए गए स्मॉग टावर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने इसके प्रभाव के बारे में अभी तक आए अध्ययन रिपोर्ट को साझा किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी मुंबई की पिछले एक साल के अध्ययन की अंतरिम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वायु प्रदूषण कम करने में इसका प्रभाव 300 मीटर की दूरी तक दिखा है।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार तात्कालिक और दीर्घकालिक सभी प्रकार के कदम उठा रही है। तकनीक का अधिकतम प्रयोग भी इसके लिए किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार स्मॉग टावर की स्थापना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया था। इस पर दो साल का अध्ययन किया जा रहा है। आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली और डीपीसीसी की टीम निगरानी रखे है।
अध्ययन के बाद फाइनल रिपोर्ट सौंपेगी टीम
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि ज्यादा बड़े दायरे तक इसका प्रभाव हो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। इसमें आने वाली दिक्कतों को भी वैज्ञानिकों द्वारा दूर किया जा रहा है। आने वाले समय में यह कितना प्रभावशाली होगा, इसका अध्ययन करने के बाद ही टीम अपनी फाइनल रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर ही सरकार आगे कोई निर्णय लेगी।
विशेषज्ञ टीम से आग्रह किया
पर्यावरण मंत्री ने विशेषज्ञ टीम से आग्रह किया कि स्मॉग टॉवर लगाने में 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। अगर दिल्ली में इसे और भी जगह पर लगाना है तो इसकी लागत में कमी लाने पर काम किया जाना चाहिए। मालूम हो कि पहले यह माना जा रहा था कि स्मॉग टावर एक किलोमीटर तक के दायरे में प्रदूषण को साफ करता है। लेकिन, अब सिर्फ 300 मीटर के दायरे में ही इसका प्रभाव दिखने की बात कही जा रही है।