हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है कार्तिक मास में कृष्णपक्ष में पड़ने वाली एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल रमा एकादशी 21 अक्टूबर को पड़ रही है। माना जाता है कि कार्तिक मास भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है।
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी के व्रत की शुरुआत 20 अक्टूबर शाम 4:04 मिनट पर हो रही है और इसकी समाप्ति 31 अक्टूबर को शाम 5:22 पर हो जाएगी।
आइए जानते हैं कैसे करें रमा एकादशी का व्रत
1. रमा एकादशी व्रत के दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता। इस दिन चावल या उससे बने किसी भी पदार्थ का सेवन न करें।
2. सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की दीप ,अगरबत्ती से पूजा करनी चाहिए।
इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करने का विशेष महत्व है। तुलसी को पुराणों में बेहद शुभ माना गया है।
3.रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा- अर्चना करनी चाहिए। माना जाता है कि इससे दोनों का आशीर्वाद हमेशा परिवार पर बना रहता है।
4. रमा एकादशी के दिन घर में भजन -कीर्तन भजन करना चाहिए।
5. इस दिन गीता का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने से घर- परिवार में शांति बनी रहती है।
क्यों करते है रमा एकादशी का व्रत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विंध्य पर्वत पर एक बहेलिया रहता था। जो बहुत क्रूर था। लूट- पाट करके वह अपना भरण पोषण करता था। एक दिन यमराज दूत उसे लेने के लिए आए और उन्होंने कहा -हे क्रूर बहेलिया, तेरे मृत्यु का समय नजदीक आ गया है। मृत्यु के भय से डरकर बहेलिया महर्षि अंगिरा के आश्रम जा पहुंचा। महर्षि ने उस बहेलिए पर दया करते हुए उसे रमा एकादशी करने को कहा बहेलिए ने पूरे विधि- विधान से व्रत किया। जिससे उसके सारे पाप दूर हो गए और उससे मोक्ष की प्राप्ति हुई।