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पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने पर जाने नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा 

बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को प्रतिबंधित करने के बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ लगाया गया प्रतिबंध और कार्रवाई हमारे देश के लोगों की सुरक्षा के लिए एक आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक की तरह है। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पीएफआई नेता समुदायों के बीच दरार डालने का काम कर रहे थे।

गौरतलब है कि पिछले साल नरोत्तम मिश्रा ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘यह प्रतिबंध देश विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए जरूरी था और मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। पीएफआई नेता अलग-अलग धर्मों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे थे और इसलिए घटनाएं राज्य और देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है।”

मिश्रा ने कहा, “केरल और कर्नाटक में, पीएफआई और कुछ अन्य संगठन कई निर्दोष लोगों की हत्या में सीधे तौर पर शामिल पाए गए और उनका संबंध आईएसआई के साथ भी पाया गया।” पीएफआई की तुलना आरएसएस से करने पर मिश्रा ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह पर भी हमला बोला। 

दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “दिग्विजय सिंह टुकड़े-टुकड़े गैंग से ताल्लुक रखते हैं और वह हर उस संगठन का समर्थन करते हैं जो हमारे देश को बांटने की बात करता है।” एनआईए की जांच से पीएफआई की कार्यप्रणाली के बारे में और खुलासा होगा।

आरिफ मसूद ने भी किया फैसले का स्वागत

आरिफ मसूद ने भी केंद्र सरकार के पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर स्वागत करते हुए कहा कि जांच एजेंसियों को स्पष्ट करना चाहिए कि पीएफआई नेता वास्तव में क्या कर रहे थे। इस बीच, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि अगर पीएफआई नेता किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं, तो इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। हम फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन जांच एजेंसियों को स्पष्ट करना चाहिए कि वास्तव में पीएफआई नेता क्या कर रहे थे और कैसे।”

इससे पहले पीएफआई के चार नेताओं को एनआईए ने गिरफ्तार किया था और 21 नेताओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।

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