सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस और गुजरात दंगों से जुड़े मामलों को बंद करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि गुजरात दंगों को लेकर दायर कई याचिकाओं का अब कोई अर्थ नहीं है। ऐसे में उन पर कार्यवाही को बंद किया जा रहा है। अदालत ने कहा कि गुजरात दंगों के 9 में से 8 मामलों में ट्रायल पूरा हो चुका है। इसके अलावा कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े अवमानना के मामले को भी बंद करने का आदेश दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अधिवक्ता प्रशांत भूषण और पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया है। दोनों ने ही इस मामले में माफी मांग ली है। दरअसल प्रशांत भूषण ने 2009 में एक इंटरव्यू में पूर्व और मौजूदा जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस मामले में पैरवी करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल ने माफी मांग ली है। इसलिए दोनों के खिलाफ केस को बंद किया जा सकता है। उनकी इस मांग को जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एम.एम सुंदरेश की बेंच ने स्वीकार कर लिया।
प्रशांत भूषण और तरुण तेजपाल को नवंबर 2009 में नोटिस जारी किए गए थे। प्रशांत भूषण ने इस पर सफाई देते हुए कहा था, ‘मैंने तहलका को 2009 में जो इंटरव्यू में दिया था, उसमें करप्शन शब्द का इस्तेमाल किसी विशेष चीज के लिए नहीं किया था। यह बात मैंने व्यापक संदर्भ में कही थी। इसका संबंध वित्तीय भ्रष्टाचार से नहीं है। यदि किसी जज या फिर उनके परिवार को इससे दुख पहुंचा हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।’ प्रशांत भूषण ने अगस्त 2020 में अपने बयान पर माफी मांग ली थी।