यूपी की योगी सरकार राज्य को टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। यूपी सरकार की नई पर्यटन नीति के तहत उन सभी चीजों को शामिल किया जा रहा है जो यूपी की पहचान हैं और जो दुनियाभर में जाने जाते हैं। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार इन्हीं चीजों का इस्तेमाल करने वाली है जैसे प्रेम का प्रतीक – ताजमहल, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में हॉट एयर बैलून से सैर, कैरेवन और ग्रामीण पर्यटन। इसके अलावा आगरा का पेठा, मथुरा के पेड़ा , लखनऊ के गलावटी कबाब और मलिहाबाद के आम, यह सब उस नई पर्यटन नीति का हिस्सा होगा जिसे उत्तर प्रदेश तैयार कर रहा है।
यूपी में नई पर्यटन नीति का उद्देश्य पर्यटन से आमदनी और रोजगार सृजन करना है। योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में ड्रोन शो और लाइट-एंड-साउंड शो जैसे विशेष लगभग एक दर्जन कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। इसमें अयोध्या में दीपोत्सव, रामायण मेला, देव दीपावली, हॉट एयर बैलून फेस्टिवल, नवरात्रि महोत्सव, महाशिवरात्रि महोत्सव, विश्व पर्यटन दिवस, काशी विश्वनाथ धाम, बौद्ध सम्मेलन, रंगोत्सव, कुंभ मेला और कृष्णोत्सव शामिल होंगे। नई पर्यटन नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को भारत और विदेशों दोनों में डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में बढ़ावा देना है।
यूपी सरकार जीवन शैली को बेहतर करने के लिए योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देना चाहती है जिसके लिए राज्य में योग और आयुर्वेद की प्राचीन भारतीय तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों को भी टूरिस्ट हब के रूप में स्थापित किया जाएगा जहां लोग गांव की पारंपरिक वेशभूषा और खान-पान का आनंद ले सकेंगे। इसके साथ ही भारत की ग्रामीण संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण इलाके आर्थिक रूप से भी मजबूत होंगे। यूपी की नई पर्यनट नीति के अंतर्गत ग्राम पर्यटन केंद्रों की पहचान की जाएगी और आगरा, वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज और चित्रकूट जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा जहां से एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचना सुगम हो।