बीजेपी ने संसदीय बोर्ड में बुधवार को बड़ा बदलाव करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को इससे हटा दिया है। इन नेताओं की जगह कुछ नए चेहरों को शामिल किया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को अपने संसदीय बोर्ड में बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार किसी सिख नेता को जगह दी है। पार्टी की ओर से संसदीय बोर्ड में शामिल ग्यारह सदस्यों में इकबाल सिंह लालपुरा का नाम शामिल है। इकबाल सिंह लालपुरा पंजाब का जाना माना नाम रहा है। पूर्व आईपीएस भी हैं। रिटायर होने के बाद लालपुरा साल 2012 में बीजेपी में शामिल हुए थे और फिलहाल राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हैं। संसदीय बोर्ड में लालपुरा को शामिल किए जाने के पीछे कई राजनीतिक मायने भी हैं।
संसदीय बोर्ड में लालपुरा की नियुक्ति कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है। संसदीय बोर्ड में लालपुरा को शामिल करना पंजाब में राजनीतिक महत्व रखती है। पंजाब में बीजेपी को किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में बीजेपी का फोकस पंजाब की तरफ भी है। पंजाब की ओर से लालपुरा दूसरे नेता है जिन्हें बड़े पद के लिए चुना गया है।
2024 लोकसभा चुनाव पर है बीजेपी की नजर
इससे पहले पूर्व राज्य मंत्री विजय सांपला को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। पंजाब में किसानों की नाराजगी का विधानसभा चुनाव में साफ असर भी देखने को मिला। जहां, बीजेपी पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के साथ मैदान में थी फिर भी सत्ता तक नहीं पहुंच पाई। बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में अपनी जमीन मजबूत करना चाहती है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इकबाल सिंह लालपुरा को संसदीय बोर्ड में शामिल करना बीजेपी का दूसरा बड़ा कदम है।
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