Sawan 2022: सर्वोत्तम मास सावन का पहला सोमवार। शिवालयों और अन्य मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज। राजधानी का वातावरण शिवमय रहा। जो शिवलिंग खुले में विराजे हैं, उनका बरखा की बूंदों ने स्वत: जलाभिषेक किया। भक्तों ने तो किया ही। कोरोना काल के दो साल बाद सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्ति, उल्लास का माहौल रहा। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचते रहे।
ऐतिहासिक महादेव घाट में हटकेश्वर महादेव पर जल अर्पण करने के लिए कतार लगी रही। भीड़ को देखते हुए गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया गया, लेकिन गर्भगृह के बाहर बड़े पात्र में जल अर्पण की व्यवस्था की गई थी। कतार में लगे श्रद्धालु दूर से दर्शन करते और पात्र में जल डालते। पात्र से होते हुए यह जल शिवलिंग पर अर्पित होता रहा। जलाभिषेक का सिलसिला शाम चार बजे तक चलता रहा। इसके बाद पट बंद करके शिवलिंग का श्रृंगार किया गया। शाम छह बजे श्रृंगार दर्शन के लिए पट खोले गए। भांग, धतूरा, बेलपत्र, चांदी के बर्क से कहीं उज्जैन के महाकाल, कहीं सालासर बालाजी हनुमान, कहीं अर्धनारीश्वर और भोलेनाथ के रूप में श्रृंगार किया गया।
युवतियों ने लगाया त्रिशूल का तिलक
महादेवघाट में दर्शन करने पहुंची युवतियों में ललाट पर चंदन का तिलक लगाने की होड़ लगी रही। अनेक बच्चे, महिलाएं तिलक लगाने में व्यस्त रहे और अच्छी खासी कमाई भी की। तिलक लगवाकर युवतियों ने सेल्फी खिंचवाई।
नंदी के जरिए शिवजी तक पहुंचाई मन्नत
महादेवघाट के मुख्य द्वार पर युवतियां विशाल नंदी की प्रतिमा के कानों में मन्नात मांगती नजर आर्इं। युवतियों का कहना था कि हमारी ऐसी आस्था है कि शिवजी के गण नंदी के कान में मन्नात बयां करने से हमारी बात शिवजी तक पहुंचेगी।
शंकराचार्य आश्रम में रुद्राभिषेक
बोरियाकला स्थित शंकराचार्य आश्रम में ब्रह्मचारी डा.इंदुभवानंद महाराज के सान्निाध्य में शिवलिंग का पंचामृत दूध, दही, शहद, गन्नाा रस, गंगाजल से रुद्राभिषेक किया गया।
सुरेश्वर महादेवपीठ में महाआरती
कचना रोड स्थित सुरेश्वर महादेवपीठ में स्वामी राजेश्वरानंद के मार्गदर्शन में रुद्राभिषेक के पश्चात महाआरती की गई। महाभंडारे में प्रसादी वितरण किया गया।
51 फीट ऊंची बैजनाथधाम प्रतिमा पर जलधारा
मोतीबाग के समीप 51 फीट ऊंची प्रतिमा पर जलााभिषेक किया गया। प्रतिमा के समक्ष शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर महाआरती की गई। इसके अलावा मठपारा के 20 फीट ऊंची शिव प्रतिमा, खारुनेश्वर महादेव की 20 फीट प्रतिमा और बंजारी धाम की 20 फीट प्रतिमा का दर्शन करने भी श्रद्धालु उमड़े।