भीषण ठंड और घने कोहरे की चपेट में आये उत्तर प्रदेश में नए साल से बारिश के आसार जताये गये हैं जिससे ठंड और अधिक बढ़ने की आशंका है। लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर समेत प्रदेश के 37 शहर घने कोहरे और ठंड की चपेट में हैं। मंगलवार को कई इलाकों में दृश्यता का स्तर घटकर मात्र 20 मीटर तक रह गया, जिससे सड़कों पर चलना बेहद जोखिम भरा हो गया है। कोहरे के चलते रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज समेत विभिन्न स्टेशनों से गुजरने वाली 100 से अधिक ट्रेनें 2 से 15 घंटे की देरी से चल रही हैं। वहीं 10 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। बाराबंकी और फतेहपुर प्रदेश के सबसे ठंडे जिले रहे, जहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए भीषण ठंड का अलर्ट जारी किया है और लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की अपील की गई है। स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर है। प्रदेश भर में स्कूल और कॉलेज 1 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं। अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने और कंबल वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है। सोमवार को प्रदेश के 25 से अधिक शहरों में तापमान दो से चार डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। हाथरस में कोहरे के कारण दो गंभीर सड़क हादसे हुए, जिनमें सात लोग घायल हो गए। लखनऊ स्थित मौसम वैज्ञानिक अतुल सिंह के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्रों में ठंड बनी हुई है। उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों तक दिन और रात दोनों समय ठंड बढ़ेगी, जबकि 1 जनवरी के आसपास बारिश की संभावना है। भीषण ठंड और घने कोहरे से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। आलू और सरसों की फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को खेतों की नियमित निगरानी करने और कीट व रोग नियंत्रण के लिए जिंक और क्लोरपायरीफॉस के छिड़काव की सलाह दी है।
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