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 पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा समाप्त करके स्वदेश रवाना, ओमान के डिप्टी पीएम ‘नमस्ते’ कर दी विदाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओमान की अपनी “महत्वपूर्ण” यात्रा समाप्त करके बृहस्पतिवार को स्वदेश रवाना हुए। उनकी यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। ओमान के रक्षा मामलों के उपप्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने मोदी को विदा किया और विदाई के समय ‘नमस्ते’ किया। बुधवार को यहां पहुंचे प्रधानमंत्री ने ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से भी बातचीत की और द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।

पीएम मोदी ने दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) का उल्लेख करते हुए पोस्ट किया, ‘‘इस यात्रा के दौरान मिले स्नेह के लिए महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक, ओमान सरकार और ओमान की जनता के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं। सीईपीए पर हस्ताक्षर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिससे हमारे देशों के युवाओं को लाभ होगा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अन्य भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। आशा है कि आने वाले समय में भारत-ओमान की मित्रता और भी मजबूत होती रहेगी।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस यात्रा को ‘‘दिलों को छूने वाली और संबंधों को मजबूत करने वाली’’ बताया। जायसवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘महत्वपूर्ण चर्चाओं और प्रमुख परिणामों की प्राप्ति के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की चार दिवसीय व्यस्त यात्रा के बाद भारत रवाना हो रहे हैं।’’ 

प्रधानमंत्री तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में ओमान में थे, जिसके तहत उन्होंने जॉर्डन और इथियोपिया का भी दौरा किया। द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए सुल्तान तारिक ने प्रधानमंत्री को ओमान सल्तनत के विशिष्ट नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ ओमान से सम्मानित भी किया। 

मस्कट में, प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और ओमान ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत वस्त्र, कृषि उत्पाद और चमड़े के सामान सहित भारत के 98 प्रतिशत निर्यात को ओमान में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। दूसरी ओर, भारत खजूर, संगमरमर और पेट्रो रसायन वस्तुओं जैसे ओमान के उत्पादों पर शुल्क कम करेगा। 

इस समझौते के अगले वर्ष की पहली तिमाही से लागू होने की उम्मीद है। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज हम भारत-ओमान संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम आगे बढ़ा रहे हैं, जिसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले दशकों तक महसूस किया जाएगा। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) 21वीं सदी में हमारे संबंधों को नयी गति प्रदान करेगा। यह व्यापार और निवेश को नयी गति देगा और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर खोलेगा।’’ 

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब भारत को अपने सबसे बड़े निर्यात गंतव्य अमेरिका में 50 प्रतिशत तक के भारी शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। ओमान एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है और भारत के सामान और सेवाओं के लिए व्यापक क्षेत्र और अफ्रीका तक पहुंचने का एक प्रमुख प्रवेश द्वार है। मोदी और सुल्तान ने अपनी मुलाकात में, इस बात पर जोर दिया कि भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होना द्विपक्षीय साझेदारी में एक मील का पत्थर है। 

जायसवाल ने कहा, ‘‘उन्होंने भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।’’ 
पीएम मोदी ने यहां भारतीय छात्रों और समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत की, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय की पहचान के रूप में ‘‘सह-अस्तित्व और सहयोग’’ पर जोर दिया।  उन्होंने भारत की परिवर्तनकारी वृद्धि और विकास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि 21वीं सदी का भारत बड़े और त्वरित निर्णय लेता है और बड़े लक्ष्य निर्धारित करके तथा समयबद्ध तरीके से परिणाम देकर आगे बढ़ता है। यह मोदी की इस खाड़ी देश की दूसरी यात्रा थी और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ होने से इसका विशेष तौर पर महत्व था। 

ओमान यात्रा से पहले, मोदी पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया की अपनी पहली यात्रा पर थे, जिस दौरान दोनों देशों ने अपने ऐतिहासिक संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया। उन्होंने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ व्यापक वार्ता भी की और विभिन्न क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साक्षी बने। मोदी ने इथियोपियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित भी किया, जिसमें उन्होंने क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और संपर्क के क्षेत्र में दोनों देशों को ‘‘स्वाभाविक साझेदार’’ बताया।

 प्रधानमंत्री को इथियोपिया के सर्वोच्च पुरस्कार – द ग्रेट ऑनर निशान ऑफ इथियोपिया से सम्मानित किया गया। वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले वैश्विक राष्ट्राध्यक्ष हैं। मोदी की यात्रा के पहले चरण में, भारत और जॉर्डन ने संस्कृति, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों और मित्रता को मजबूती प्रदान करना है।  

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