झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात करीब 10:45 बजे NICU (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ, जिससे पूरे वार्ड में धुआं भर गया। हादसे में 37 बच्चों को बचा लिया गया, जबकि 16 घायल बच्चों का इलाज जारी है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है।
घटना के मुख्य बिंदु:
- हादसे का कारण:
आग का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
NICU में ऑक्सीजन की उच्च मात्रा ने आग को और भड़काया।
- घटना का समय और स्थान:
यह हादसा रात 10:45 बजे महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में हुआ।
वार्ड में क्षमता से अधिक 49 बच्चे भर्ती थे, जबकि केवल 18 बेड की जगह थी।
- प्रभाव:
10 नवजात शिशुओं की मौत।
16 घायल बच्चों का इलाज सरकारी और निजी अस्पतालों में जारी।
बचाए गए 37 बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया।
- बचाव कार्य:
दमकल कर्मियों और सेना की मदद से बचाव कार्य किया गया।
अस्पताल से मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकाला गया।
- सरकार की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त किया और उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।
मृतकों के परिवार को ₹5 लाख और घायलों के परिवार को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की।
- प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया:
पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना को “दिल दहला देने वाली” बताया और राहत कार्यों का आश्वासन दिया।
- चश्मदीदों के बयान:
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धुआं फैलते ही भगदड़ मच गई।
आग के कारण दरवाजे अवरुद्ध हो गए, जिससे बच्चों को बचाना मुश्किल हो गया।
- जांच:
घटना की जांच के लिए जिला प्रशासन को 12 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश।
मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जा रही है।
यह हादसा बुंदेलखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में हुआ, जिसकी स्थापना 1968 में हुई थी। इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामों की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।