प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करें और गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी जैसे स्थानीय बोलियों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाएं। राज्य के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री की नौ अपीलों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो उत्तराखंड के विकास का मार्गदर्शन करेंगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य के निवासियों से अपील की है कि वे पर्यावरण संरक्षण हेतु एक पेड़ ‘माँ के नाम’ लगाएं, जल स्रोतों का संरक्षण करें, नियमित रूप से अपने गांवों का दौरा करें, और पुराने घरों को ‘होम स्टे’ में बदलकर अतिरिक्त आय का साधन बनाएं।
पर्यटकों के लिए प्रधानमंत्री ने हिमालय में सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का प्रयोग न करने, अपने यात्रा बजट का 5% स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने, यातायात नियमों का पालन करने और धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ये पहलें स्थानीय समुदाय और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को मजबूत बनाने की दिशा में हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार इन अपीलों को विकास की दिशा में प्राथमिकता के रूप में अपनाएगी और इसे जनसमर्थन से लागू करेगी।
उत्तराखंड में पर्यटन का बड़ा विकास हुआ है, जहाँ 2023 में 5.96 करोड़ पर्यटकों ने दौरा किया, जो कि 2018 से 61.79% की वृद्धि है। अगस्त तक लगभग 3 करोड़ पर्यटक आए, और यह संख्या वर्ष के अंत तक 6 करोड़ को पार कर सकती है।
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