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भाई दूज: भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक

भाई दूज को भाई टीका, भावबीज, भाई फोंटा या भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह विशेष हिन्दू पर्व भाई-बहन के बीच के स्नेह और बंधन को मनाने के लिए समर्पित है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है।

भाई दूज 2024: कैसे मनाते हैं?

इस दिन, बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। वे अपने भाइयों के मस्तक पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती करती हैं, साथ ही सजावट से भरी हुई थाली में मिठाई, रोली और नारियल रखती हैं। इसके बाद वे भाई को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराती हैं, और भाई बहनों को उपहार देकर उनके प्रति अपना प्रेम प्रकट करते हैं।

भाई दूज 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष भाई दूज का पर्व रविवार, 3 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन का शुभ मुहूर्त अपराह्न 12:49 बजे से 3:07 बजे तक है, जो 2 घंटे 17 मिनट का समय है। यम द्वितीया का शुभ समय भी इसी दिन है।

  • द्वितीया तिथि प्रारंभ – 2 नवंबर, 2024 को रात 8:21 बजे
  • द्वितीया तिथि समाप्त – 3 नवंबर, 2024 को रात 10:05 बजे

भाई दूज का इतिहास और महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करने के बाद अपनी बहन सुभद्रा से मुलाकात की। सुभद्रा ने उनका स्वागत तिलक, मिठाइयों और फूलों से किया। तभी से भाई दूज मनाया जाने लगा। एक अन्य कथा के अनुसार, मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने आए थे। यमुनाजी ने यमराज का स्वागत तिलक और मिठाइयों से किया, जिससे यमराज ने आशीर्वाद दिया कि इस दिन तिलक और मिठाई प्राप्त करने वाले भाइयों की आयु लंबी होगी।

भाई का अर्थ भाई और दूज का अर्थ अमावस्या के बाद दूसरा दिन होता है। इस दिन, भाई-बहन एक-दूसरे के साथ प्रेम और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। इस पर्व का उद्देश्य सभी प्रकार की बुरी शक्तियों से रक्षा करना और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करना है। पश्चिम बंगाल में इसे भाई फोंटा के नाम से, दक्षिण भारत में इसे यम द्वितीया के रूप में और महाराष्ट्र में इसे भावबीज के नाम से मनाया जाता है।

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