राज्य के भीतर और बाहर से चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अपनी यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाना है तो वे रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की पहले से ही व्यवस्था की है और अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का भी विकल्प खोला जा रहा है। यह विकल्प केवल यात्रा के प्रवेश द्वार हरिद्वार और ऋषिकेश में होगा। चारों धामों में रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं होगी। इसलिए यात्री चारों धामों में पहले से ही रजिस्ट्रेशन करा कर पहुंचे।
भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती
पिछले कुछ वर्षों से चार धामों पर आने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। चार मई तक 20 लाख यात्री अपना पंजीकरण करा चुके हैं। यह आंकड़ा बता रहा है कि इस बार चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड संख्या में यात्री आ सकते हैं। इसे देखते हुए सरकार के सामने भीड़ प्रबंधन की बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की है, ताकि यात्रा को नियोजित और नियंत्रित ढंग से संचालित किया जा सके। चारों धामों की धारण क्षमता के हिसाब से प्रतिदिन यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है।
रजिस्ट्रेशन कराना इसलिए जरूरी
ऐसे में रजिस्ट्रेशन कराना बेहद जरूरी है ताकि यात्री यात्रा के दौरान परेशानी से बच सकें। उन्हें समय पर धामों में दर्शन हो सकें। रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही उन्हें दर्शन के लिए टोकन मिलेंगे। सरकार के पास यात्रियों की संख्या का सही रिकॉर्ड होने से वह उसी हिसाब से सुविधाओं और संसाधनों की व्यवस्था कर सकेगी। सुरक्षा के उपाय भी हो सकेंगे।
यात्रियों के रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था पहले से है। यात्रा के शुरुआत में ही दो स्थानों पर ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। चारधाम में रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं होगी। – सचिन कुर्वे, सचिव पर्यटन
GDS Times | Hindi News Latest News & information Portal