असम की रहने वाली वन्यजीव जीव विज्ञानी डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन को ब्रिटिश वन्यजीव चैरिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। डॉ पूर्णिमा को विलुप्त हो रहे ग्रेटर एजुटैंट स्टोर्क (हरगिला पक्षी) और उसके वेटलैंड निवास के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया है। वहीं भारत-नेपाल ऑडिट क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने जा रहे हैं।
असम की रहने वाली वन्यजीव जीव विज्ञानी डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन को ब्रिटिश वन्यजीव चैरिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। डॉ पूर्णिमा को विलुप्त हो रहे ग्रेटर एजुटैंट स्टोर्क (हरगिला पक्षी) और उसके वेटलैंड निवास के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयासों के लिए यह सम्मान दिया गया है।
डॉ पूर्णिमा ने बुधवार शाम लंदन में रायल ज्योग्राफिकल सोसायटी पुरस्कार समारोह में व्हिटली फंड फार नेचर (डब्ल्यूएफएन) से 100,000 ब्रिटिश पाउंड का व्हिटली गोल्ड अवार्ड प्राप्त किया। डब्ल्यूएफएन विश्व भर के बुनियादी स्तर के संरक्षण का समर्थन करता है।
डॉ पूर्णिमा को असमिया में ‘हरगिला’ के नाम से जाने जाने वाले सारस ‘ग्रेटर एजुटैंट स्टोर्क’ के संरक्षण के लिए ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय की बहन और चैरिटी की संरक्षक राजकुमारी एनी ने ट्राफी प्रदान की।
भारत-नेपाल ऑडिट क्षेत्र में बढ़ाएंगे आपसी सहयोग
भारत और नेपाल के शीर्ष लेखा परीक्षकों ने ऑडिटिंग पेशेवरों के बीच क्षमता विकास व जानकारी के आदान-प्रदान के लिए मंच स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मु ने नेपाल के महालेखा परीक्षक तोयम राया के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
कैग ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य दो शीर्ष आडिट संस्थानों (एसएआइ) के बीच आडि¨टग क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करना है। एमओयू के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग और ऑडिट आयोजित करने में पारस्परिक सहायता के माध्यम से आडिटिंग पेशेवरों और तकनीकी टीमों के बीच क्षमता विकास और ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान के लिए एक मंच स्थापित किया जाएगा।
मुर्मु ने नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड से भी मुलाकात की
मुर्मु ने नेपाल के प्रधानमंत्री सीएम प्रचंड से भी मुलाकात की और दोनों देशों की ऑडिट संस्थानों के बीच सहयोग व सार्वजनिक क्षेत्र के ऑडिट के क्षेत्र में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के बारे में जानकारी दी। कैग ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि भारत का एसएआइ अपनी कार्यप्रणाली में नई तकनीक का समावेश करने वाले सरकारी संगठनों में से एक रहा है।
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