मिर्जापुर में हाईवे के किनारे 2000 एकड़ में औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। मिर्जापुर जिला प्रशासन और रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के बीच इस पर सहमति बनी है। औद्योगिक पार्क में लगभग 500 एमएसएमई इकाइयों के अलावा वेयर हाउस, ट्रांसपोर्ट, अस्पताल, पुलिस बूथ आदि की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। पीपीपी माॅडल से बनने वाले औद्योगिक पार्क से लगभग 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
विंध्य कॉरिडोर बनने के बाद बाहरी निवेशक मिर्जापुर में निवेश के लिए जमीन तलाश रहे हैं। कुछ बड़ी कंपनियों ने निवेश भी किया है। हालांकि जिला प्रशासन और जिला उद्योग केंद्र का जोर एक ही छत के नीचे अधिक से अधिक औद्योगिक इकाइयां विकसित करने पर है। इसके लिए योजना तैयार की गई है। रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन के अनुसार मई से निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। यह औद्योगिक पार्क प्लेज (प्रमोटिंग लीडरशिप एंड इंटरप्राइस फॉर डेवलपमेंट ऑफ ग्रोथ इंजन) योजना से बनाया जाएगा।
औद्योगिक पार्क में हर फैक्ट्री के गेट पर फायर फाइटिंग सिस्टम होगा। इसके साथ ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) होगा। इस माध्यम से कंपनियों से निकलने वाला औद्योगिक अपशिष्ट जल शुद्ध होकर निकलेगा। इस पार्क में पावर हाउस, सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, पार्किंग, ग्रीनरी, अस्पताल, कैंटीन, ट्रांसपोर्ट, लोडिंग, अनलोडिंग के लिए हाईटेक मशीनों की सुविधा होगी। यह पार्क 24 घंटे सीसी कैमरे से लैस होगा।
पीपीपी मॉडल पर मिर्जापुर में हाईवे किनारे 2000 एकड़ में औद्योगिक पार्क बसाया जाएगा। इसी तर्ज पर चंदौली के पीडीडीयूनगर-बबुरी मार्ग स्थित चंदाइत में भी निजी औद्योगिक पार्क विकसित किया जा रहा है। – देव भट्टाचार्या, अध्यक्ष, रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन
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