इसे जलवायु परिवर्तन का असर कहें या मौसमी परिस्थितियां… इस बार वैशाख में ही सावन की घटा देखने को मिल रही है। बुधवार को लगातार तीसरे दिन अच्छी वर्षा हुई। वह भी सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में। दिल्ली में तो माह भर की वर्षा का कोटा भी इन्हीं तीन दिन में पूरा हो गया जबकि तापमान में सामान्य से काफी नीचे चल रहा है।

मौसम विभाग की मानें तो बृहस्पतिवार से धीरे धीरे वर्षा कम होने लगेगी। तापमान व गर्मी में भी अब आने वाले दिनों में वृद्धि होगी। बुधवार को सुबह आसमान साफ था। दोपहर तक तो हल्की धूप भी खिली रही, लेकिन दोपहर दो बजे के आसपास एकाएक मौसम बदल गया। काली घटा छा गई और कुछ ही देर में झमाझम बरसात शुरू हो गई। वर्षा का यह दौर रूक रूककर शाम तक चलता रहा। इससे ठंडक भी बरकरार रही।
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री कम 30.6 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 20.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 64 से 100 प्रतिशत रहा। वर्षा शाम साढ़े पांच बजे तक 20.9 मिमी रिकार्ड की गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मई माह में दिल्ली की औसत वर्षा 30.7 मिमी है जबकि बुधवार तक यह 36.7 मिमी हो चुकी है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार, शनिवार, रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने और हल्की वर्षा होने की उम्मीद है जबकि शुक्रवार को मौसम शुष्क रहेगा। फिर सोमवार से आसमान पूरी तरह साफ हो जाएगा। हालांकि तापमान में बृहस्पतिवार से ही वृद्धि होने लगेगी। बृहस्पतिवार को जहां अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 32 एवं 17 डिग्री रह सकता है वहीं सोमवार तक यह 36 और 21 डिग्री तक चला जाएगा।
स्काईमेट वेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभों और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर अब खत्म होने को है। अगले तीन चार दिन जो हल्की वर्षा होगी, वह वातावरण में मौजूद नमी के कारण होगी। अलबत्ता, आने वाले दिनों में अब तापमान भी चढ़ेगा और गर्मी भी बढ़ेगी। मई के उतरार्ध में लू भी चलने की संभावना है।
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