हिंदू धर्म में नवग्रहों में शनि ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को कर्मफलदाता कहा गया है। शनि ग्रहों के न्यायाधीश हैं। शनि हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। शनि को प्रसन्न करना आसान नहीं है लेकिन शास्त्रों में कुछ खास दिन बताए गए हैं जिनमें कुछ उपायों को करने से शनि प्रसन्न होते हैं। इनमें से एक दिन है शनि जयंती। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस दिन ही सू्र्य व छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था। इस दिन शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित जातकों को शनि प्रकोप से बचाव के लिए उपाय करने चाहिए।

शनि जयंती 2023 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाएगा। इस साल यह पर्व 19 मई 2023 को मनाया जाएगा।
शनि जयंती 2023 शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 18, 2023 को 09:42 पी एम बजे।
अमावस्या तिथि समाप्त – मई 19, 2023 को 09:22 पी एम बजे।
इन राशियों पर शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती-
वर्तमान में शनि कुंभ राशि में हैं। ऐसे में कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या व मकर, कुंभ व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
शनिदेव को इन उपायों से करें प्रसन्न-
1. शनि जयंती के दिन भगवान शिव का काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है।
2. इस दिन शनिदेव को अपराजिता के फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
3.शनि जयंती के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए गरीब व जरूरतमंद को सामर्थ्यनुसार दान करना चाहिए।
4. शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
5. मान्यता है कि शनि जयंती के दिन पीपल के वृक्ष में शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
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