ज्योतिष और वास्तु शास्त्र का आपस में गहरा संबंध है दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ज्योतिष शास्त्र में सितारे, ग्रह और उनके प्रभावों का जिक्र किया गया है। ग्रह, नक्षत्र और राशियां आपके कार्य करने की जगह और रहन-सहन पर बहुत प्रभावित करती है इसीलिए रहने और काम करने की जगह के माहौल को अच्छा बनाने के लिए वास्तु शास्त्र का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको कुछ आसान से वास्तु टिप्स के बारे में बताएंगे।
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के पूर्व दिशा में बड़ी सी खिड़की होनी चाहिए। जिसके जरिए सूर्य की रोशनी और ऊर्जा घर में आ सकें।
2. उत्तर- पूर्व दिशा का स्वामी गुरु बृहस्पति है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व कोने में पूजा घर बनाना सबसे शुभ माना जाता है। मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमा रखें। भूलकर भी मंदिर में अपने पितरों की फोटो नहीं रखनी चाहिए।
3. उत्तर पश्चिम दिशा का स्वामी चंद्रमा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के इस कोने में फालतू की चीजें नहीं रखनी चाहिए और वह जगह अंधेरे से भरी हुई न हों। वरना घर में रहने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
4. परिवारिक कलह से बचने के लिए बरामदे में विंड चाइम्स टांग दें और कमरे में एक क्रिस्टल रखें।
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार बंद घड़ी गजर में न रखें। इसका परिवार के सदस्यों की राशियों पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है।
6. दक्षिण दिशा का स्वामी अग्नि देव है इसीलिए घर के इस कोने में रसोई घर बनाना सबसे सही माना जाता है। खाना बनाते समय मुंह पूर्व दिशा के ओर होना चाहिए।
7. उत्तर पूर्व दिशा केतू ग्रह से संबंधित है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मेन गेट के पास सीढ़ियां नहीं बनानी चाहिए। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है और भाग्य में भी कमी आती है।
8. घर का मेन गेट उत्तर और पूर्व दोनों की दिशाओं में बनाया जा सकता है। लेकिन मेन गेट के पास भूलकर भी शू रैक नहीं रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से निगेटिव एनर्जी आकर्षित होती है।