अगर आपने भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश किया हुआ है, तो मैच्योरिटी से पहले आपके पास उनको भुनाने का मौका है। इसके लिए आपको आरबीआई के पास आवेदन करना होगा, जिसके बाद एसजीबी निवेश किया हुआ पैसा ब्याज के साथ आपको मिल जाएगा।
आरबीआई की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, एक अप्रैल 2023 से लेकर 30 सितंबर, 2023 के बीच निवेशक कई सीरीज के एसजीबी के मैच्योरिटी से पहले निकासी के लिए आवेदन कर सकते हैं। एसजीबी सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्यांकन सोने के प्रति ग्राम के हिसाब से किया जाता है। इसे रखना वास्तविक सोना के समान ही माना जाता है।
पांच साल के बाद कर सकते हैं निकासी
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की मैच्योरिटी अवधि आठ साल की होती है और निवेश के पांच साल पूरा होने के बाद आप इन बॉन्ड्स को भुना सकते हैं। इसके साथ ही अगर आपने इन बॉन्ड्स को डीमैट खाते में रखा हुआ है, तो फिर एक्सचेंज पर भी ट्रेड कर सकते हैं।
निकासी के लिए कहां कर सकते हैं आवेदन
अगर आप अपने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को मैच्योरिटी से पहले भुनाना चाहते हैं तो फिर आपको संबंधित बैंक, एसएचसीआईएल, पोस्ट ऑफिस और एजेंट से संपर्क करना होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स पर कितना लगता है टैक्स
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के मुताबिक, बॉन्ड्स पर मिलने वाली ब्याज टैक्स के दायरे में आती है। बॉन्ड पर टीडीएस नहीं लगता है। सीजीबी को कैपिटल गेन टैक्स के दायरे से भी बाहर रखा गया है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
आरबीआई की ओर से समय पर अलग-अलग सीरीज के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जारी किए जाते हैं। इसकी शुरुआत 2015 में की गई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स जारी करने के पीछे का उद्देश्य, देश में सोने की मांग को कम करना था, जिससे देश के आयात बिल में कमी आए। वहीं, निवेशकों को निवेश का अच्छा विकल्प उपलब्ध कराना था।