आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए हालात कोढ़ में खाज जैसे हो गए हैं। एक तरफ आर्थिक संकट के हालात हैं और आईएमएफ की ओर से लोन नहीं दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। फरवरी के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में महंगाई की दर 31.6 फीसदी तक पहुंच गई है, जो 1965 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। प्याज, चिकन, आटा, दाल, तेल, चावल और सब्जी जैसी जरूरी चीजों में जबरदस्त महंगाई देखने को मिल रही है। इसके चलते पाकिस्तान की जनता को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

बीते कई महीनों में ऐसी तमाम तस्वीरें सामने आई हैं, जब पाकिस्तान की जनता को आटे के लिए भी लाइन में लगे देखा गया है। सिंध और पंजाब जैसे राज्यों में बीते साल आई बाढ़ ने भी संकट में इजाफा किया है। पाकिस्तान के सांख्यिकी विभाग के मुताबिक खाने पीने की चीजों और ट्रांसपोर्ट की कीमत में इजाफा होने से महंगाई में यह तेजी देखी गई है। आंकड़ों के मुताबिक 1965 के बाद यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान में महंगाई का स्तर इतना बढ़ गया है। यही नहीं आशंका है कि आने वाले कुछ महीनों में महंगाई में और ज्यादा इजाफा हो सकता है।
पाकिस्तान में जनवरी 2022 से ही लगातार महंगाई में इजाफा हो रहा है। तब से अब तक ऐसा कोई महीना नहीं रहा है, जब महंगाई की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसी साल जनवरी में यह 27 फीसदी तक पहुंच गया था, जिसमें फरवरी में 4 फीसदी का इजाफा और हो गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार ने पिछले महीने ही जीएसटी में इजाफा करते हुए उसे 18 पर्सेंट तक कर दिया है, जो अब तक 17 फीसदी ही था। पाकिस्तानी रुपये में भी भीषण गिरावट ने संकट में इजाफा किया है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का मानना है कि पाकिस्तान के लिए यह साल बेहद अहम है और उसके भविष्य तय करने वाला होगा।
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