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भाजपा नेता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पर सेना के जवान की मौत पर जमकर हमला बोला..

तमिलनाडु में सेना के जवान की मौत को लेकर भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर निशाना साधा है। उन्होंने पूछा कि आखिर सीएम मामले में अभी तक चुप क्यों हैं? बता दें डीएमके पार्षद पर जवान की मौत का आरोप है।

 भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने गुरुवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर एक डीएमके पार्षद द्वारा कथित रूप से सेना के जवान प्रभु की मौत पर जमकर हमला बोला। उन्होंने इस मुद्दे पर चुप रहने पर सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि डीएमके गुंडागर्दी में विश्वास करती है।

यह घटना 8 फरवरी की है। एक DMK पार्षद, चिन्नासामी (50) ने अपने साथियों के साथ कथित तौर पर एक 33 वर्षीय सैन्यकर्मी प्रभु की पिटाई की, जिससे तमिलनाडु के कृष्णागिरी में उसकी मौत हो गई।

कपडे़ धोने को लेकर हुआ विवाद

पुलिस के अनुसार, पोचमपल्ली इलाके में पीड़िता के घर के पास एक पानी की टंकी पर कपड़े धोने को लेकर मृतक जवान का चिन्नासामी के साथ विवाद हुआ था। विवाद इस हद तक बढ़ गया कि DMK पार्षद ने नौ लोगों के साथ कथित तौर पर उस दिन बाद में पीड़ित प्रभु और उसके भाई प्रभाकरन पर हमला कर दिया।

मुख्य आरोपी गिरफ्तार

प्रभाकरन की शिकायत के आधार पर कृष्णागिरी पुलिस ने बुधवार को मुख्य आरोपी चिन्नासामी और चिन्नासामी के बेटे राजापंडी सहित नौ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया। भाजपा नेता ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं।

‘यह स्वीकार्य नहीं है’

खुशबू ने कहा, “मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और यहां तक कि लांसनाइक प्रभु की मौत के लिए जिम्मेदार डीएमके पार्षद सहित डीएमके में हर कोई रात में चैन की नींद सोता है, क्योंकि हमारे पास सीमाओं पर लांस नायक प्रभु जैसे बहादुर सैनिक हैं, जो हमारी रक्षा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उन्हें एक हद तक पीटना, जहां हम उन्हें खो देते हैं, यह कुछ ऐसा है जो स्वीकार्य नहीं है।

डीएमके नेताओं और पुलिस की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए भाजपा नेता ने कहा, “पुलिस एक हफ्ते तक चुप रही और आज तक बहादुर जवान को खोने के बावजूद सीएम और डीएमके के किसी भी व्यक्ति ने इस बारे में बात नहीं की है। पुलिस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “वे (पुलिस) किसके इशारे पर काम कर रहे हैं।”

पुलिस को स्वतंत्र रूप से करना चाहिए काम

खुशबू ने कहा, “पुलिस एक स्वतंत्र निकाय है और उसे उसी तरह से काम करना चाहिए, न कि उस राजनीतिक दल के इशारे पर जो राज्य पर शासन करता है। यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि वह डीएमके पार्षद हैं।”

रॉड और चाकू से की पिटाई

इससे पहले एएनआई से बात करते हुए प्रभु के भाई प्रभाकर ने कहा, “मुझे 6-7 लोगों ने पीटा। उसके बाद मेरे भाई की स्टील रॉड और चाकू से पिटाई की गई। वह 6 दिनों तक आईसीयू में रहा, लेकिन आखिरकार उसकी मौत हो गई।

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