आईएसआईएल-के ने अफगानिस्तान में भारत, ईरान और चीन के दूतावासों के खिलाफ आतंकवादी हमले शुरू करने की धमकी दी है और आतंकवादी समूह ने उन्हें निशाना बनाकर तालिबान और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच संबंधों को कमजोर करने की कोशिश की है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, मध्य और दक्षिण एशिया क्षेत्र में।

गुरुवार को सुरक्षा परिषद ने ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे’ विषय पर एक बैठक की। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल ने खुद को तालिबान के लिए ‘प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी’ के रूप में तैनात करना शुरू किया है। इनका कहना है कि तालिबान के लड़ाके देश को सुरक्षा प्रदान करने में असक्षम हैं।
आईएसआईएल द्वारा उत्पन्न खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की एक रिपोर्ट में खुलासे किए गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के ने खुद को तालिबान के ‘प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी’ के रूप में स्थापित किया था और कथित तौर पर तालिबान को देश में सुरक्षा प्रदान करने में अयोग्य के रूप में चित्रित करने के लिए तैयार था।
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