राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तीन आंतकवादियों पर हैदराबाद में आतंकवादी वारदात की प्लानिंग करने का संगीन आरोप लगाया है। एजेंसी के मुताबिक तीन आरोपियों की पिछले साल अक्टूबर में हैदराबाद में आतंकवादी हमलों की साजिश के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आतंक फैलाने की मंशा थी।

मोहम्मद अब्दुल ज़ाहिद, माज़ हसन फारूक और समीउद्दीन नाम के आरोपियों ने लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के निर्देश पर भारत को दहलाने का षड्यंत्र रचा था। एनआईए ने इन तीन आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई की है।
एनआईए ने अपनी FIR में कहा है कि इस योजना के मास्टरमाइंड अब्दुल जाहिद पर हैदराबाद में आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में शामिल होने का आरोप है। एनआईए को इन आरोपियों से हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं। बता दें कि एनाईए ने तीन और अन्यों के खिलाफ इस साल 25 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।
अब्दुल जाहिद पर यह संगीन आरोप भी है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के निर्देश पर मोहम्मद समीउद्दीन, माज हसन फारूक और कई युवाओं को भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए अपने गुट में शामिल किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक जाहिद को पाकिस्तानी संचालकों से निर्देश मिला था।
निर्देशों के अनुसार, ज़ाहिद ने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ हैदराबाद शहर में विस्फोट करने के अलावा लोन वुल्फ हमलों सहित कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची, ताकि आम जनता के मन में आतंक पैदा किया जा सके। एनआई ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि ज़ाहिद को पाकिस्तान स्थित आकाओं से हथगोले मिले थे।
पाकिस्तानी संचालकों ने अब्दुल को हथगोले इसलिए दिए थे जिससे वह सांप्रदायिक तनाव पैदा कर सके और हथगोलों को सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों में फेंक कर लोगों को मार सके। जनवरी में एमएचए ने आरोपी के खिलाफ एनआईए को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि केंद्र को सूचना मिली थी कि जाहिद नाम के शख्स ने विस्फोट और लोन वुल्फ अटैक सहित आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का प्लान बनाया था।
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