वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा पर ध्यान देने का अनुरोध किया है। कहा है कि जो कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी कश्मीर घाटी में नियुक्त हैं वे जान के खतरे के चलते वहां जाकर कार्य नहीं करना चाहते हैं। ऐसे कर्मचारियों को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए। लेकिन केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन उनको लेकर पूरी तरह से संवेदनहीन है।
कश्मीरी पंडितों की दशा का उल्लेख
राहुल ने जम्मू में रह रहे कश्मीरी पंडितों की दशा का भी उल्लेख किया है। राहुल गांधी ने अपने पत्र में हाल के महीनों में कश्मीरी पंडितों और अन्य की आतंकियों द्वारा ढूंढ़कर की गई हत्याओं का जिक्र किया है। इससे पूरी कश्मीर घाटी में भय और आतंक का वातावरण बन गया है।
घाटी में जाकर काम करने के लिए दबाव
पत्र में लिखा गया है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू में कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की, तब उनकी पीड़ा और भय सामने आया। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि सरकारी अधिकारी उन पर घाटी में जाकर काम करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
कर्मचारियों पर दबाव बनाना क्रूरता
राहुल गांधी ने लिखा है कि असुरक्षा के वातावरण में कर्मचारियों पर इस तरह का दबाव बनाना क्रूरता है। कर्मचारियों को सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के बगैर कश्मीर घाटी में नहीं भेजा जाना चाहिए। अगर पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा सकती है तो इन कर्मचारियों को किसी अन्य स्थान पर तैनात किया जाना चाहिए। इससे कर्मचारी और उनके परिवार सुरक्षित और भयमुक्त होकर जीवन गुजार पाएंगे।